रेलवे और बैंक में करार, सौ साल पुराने कैश बाक्स होंगे अलविदा
मुरादाबाद : मुरादाबाद रेल मंडल से सौ साल पुराना कैश बाक्स अलविदा होने जा रहा है।
मुरादाबाद : मुरादाबाद रेल मंडल से सौ साल पुराना कैश बाक्स अलविदा होने जा रहा है। रेलवे स्टेशनों से कैश एकत्रित करने का काम अब स्टेट बैंक ने ले लिया है। यह व्यवस्था एक दिसंबर से लागू कर दी जाएगी। स्टेशनों एकत्र होते हैं काफी रुपये रेलवे के छोटे व बड़े स्टेशनों पर टिकट की बिक्री और पार्सल बुकिंग से रोजाना काफी नकद रुपये एकत्रित हो जाते हैं। अंग्रेजों के जमाने से ही मंडल भर के सभी स्टेशनों से इन रुपयों को जमा करने के लिए मंडल मुख्यालय के कैश आफिस में लाया जाता है। यहां के कर्मचारी बैंक में रुपये जमा करते हैं। रुपयों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने लोहे से बने सौ किलो वजन वाला बॉक्स बना रखा है। इसमें रुपये रखकर ट्रेन द्वारा मंडल मुख्यालय भेजा जाता है। यह व्यवस्था सौ साल से चली आ रही है। इससे प्रतिदिन रुपये मुख्यालय नहीं पहुंच पाते हैं। कुछ रेलवे कर्मचारी रेलवे के रुपये को सूद में लगाकर आय अर्जित करते हैं। बैंक के कर्मचारी ले जाएंगे रुपये मंगलवार को इस व्यवस्था को समाप्त करने के लिए प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक विवेक शर्मा और स्टेट बैंक के एजीएम रमेश कुमार के बीच करार हुआ। मंडल के 153 स्टेशनों से प्रत्येक दिन स्टेट बैंक के कर्मचारी नकद रुपये ले जाकर बैंक में जाम कराएंगे। मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि इस व्यवस्था के लिए रेल शक्ति के नाम से बैंक में खाता खोला गया है। स्टेट बैंक के कर्मचारी इसी खाते में रुपये जमा करेंगे। इससे रेलवे कर्मचारियों को भी भारी भरकम बॉक्स ढोने से फुर्सत मिल जाएगी।