मुरादाबाद का जिला अस्पताल खुद बीमार, DM के आदेश भी बेअसर- अल्ट्रासाउंड के लिए भटक रहे मरीज
शुक्रवार को भी ऐसा ही हाल अस्पताल में नजर आया। कर्मचारी जल्दी करने वाले मरीजों को बताते हैं कि सरकारी में तो यही समय लगेगा नहीं तो प्राइवेट रेडियोलाजी सेंटर में चले जाओ। जैसी व्यवस्था है। उसके हिसाब से काम होगा। दिनभर में 10 से 15 अल्ट्रसाउंड हो रहे हैं। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को प्राइवेट अल्ट्रासाउंड कराने में परेशानी हो रही है।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराने को लेकर मरीज परेशान हो रहे हैं। पेट दर्द, आंतों में परेशानी, पेशाब की थैली की जांच के लिए मरीज रेडियोलाजी विभाग में पहुंच रहे हैं तो उन्हें पांच से छह दिन की तारीख मिल रही है। इस वजह से मरीजों को प्राइवेट में अल्ट्रसाउंड कराना पड़ रहा है। इसमें उनके 1200 से 1600 रुपये तक खर्च हो रहे हैं।
27 जून को डीएम ने किया था निरीक्षण
जबकि 27 जून गुरुवार को नवागत जिलाधिकारी मनोज सिंह ने सबसे पहले अस्पताल का निरीक्षण किया था। अल्ट्रसाउंड की अपग्रेड मशीन की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए थे। जिससे मरीजों को परेशान न हो। एक सप्ताह बीतने के बाद भी इसकी कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। अभी भी अल्ट्रसाउंड की तारीख पांच दिन के बाद की डाली जा रही है।
यह बोले जिम्मेदार
हमारे पास एक रेडियोलाजिस्ट हैं। उन्हें मेडिको लीगल, मीटिंग, सीटी स्कैन, अल्ट्रसाउंड और एक्सरे की रिपोर्ट प्रतिदिन बनानी होती हैं। अस्पताल में भर्ती मरीज, अर्जेट वाले मरीजों के अल्ट्रासाउंड उसी दिन हो जाते हैं। दो या तीन दिन रोके जाने वाले मरीजों को तारीख दे दी जाती है। शासन को हमने डिमांड भेजी है।
डा. संगीता गुप्ता, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल