UP Police : 'तुम्हारी कार चोरी हो गई है तो पुलिस क्या करे', थाने में रिपोर्ट लिखाने गया पीड़ित तो अफसर ने दिया यह जवाब
मेरठ में सिविल लाइंस पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही है। प्रथम अग्रवाल की कार चोरी हुए एक महीने से अधिक हो गया। सात बार पीड़ित ने थाने और चौकी में तहरीर देकर प्राथमिकी दर्ज कराने की गुहार लगाई है। अधिकारी उलटे सवाल कर रहे हैं कि तुम्हारी कार चोरी हो गई पुलिस क्या करे। अपनी कार से खुद हिफाजत करनी चाहिए थी।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थाने आने वाले हर व्यक्ति की प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कह रहे हैं लेकिन, सिविल लाइंस पुलिस का काम करने का तरीका एकदम अलग है। देव विहार कालोनी के रहने वाले प्रथम अग्रवाल की कार चोरी हुए एक महीने से अधिक हो गया। सात बार पीड़ित ने थाने और चौकी में तहरीर देकर प्राथमिकी दर्ज कराने की गुहार लगाई है।
परेशान होकर पत्नी से भी पीड़ित ने फोन कराया। इसके बाद भी पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। गुरुवार को पीड़ित ने प्रभारी निरीक्षक से मिलकर कार चोरी होने की प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कहा तो वह उल्टे उसी से सवाल करने लगे। कहा कि तुम्हारी कार चोरी हो गई पुलिस क्या करे। अपनी कार से खुद हिफाजत करनी चाहिए थी।
क्या है मामला?
प्रथम अग्रवाल की कार घर से सामने से ही आठ जून को चोरी हो गई थी। घटना के अगले ही दिन उन्होंने थानाध्यक्ष सिविल लाइंस के नाम तहरीर लिखकर दी। पीड़ित ने यह भी बताया कि उनके यहां सीसीटीवी लगे हैं। उसमें चोर कार चोरी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वह लाल रंग की बाइक लेकर आए थे। पुलिस उस दिन सक्रिय हो गई। एक-दो सीसीटीवी देखे तो उसमें भी चोर कार को ले जाते हुए दिखाई दिए लेकिन, पीड़िता की प्राथमिकी दर्ज नहीं की।प्रथम अग्रवाल का कहना है कि थाने आने पर उसे कैंप चौकी भेज दिया जाता है। चौकी पहुंचने पर यह कहकर पुलिस कर्मी टरका देते हैं कि प्राथमिकी थाने में दर्ज होती है। उसने एक बार पत्नी प्रांशी अग्रवाल को भी चौकी भेजा। फोन भी कराया था।इसके बाद भी पुलिस ने अभी तक कार चोरी की प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। पीड़ित ने बताया कि वह निर्यातक के यहां नौकरी करते हैं।कार चोरी की प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कई बार छुट्टी लेनी पड़ गई। शुक्रवार को परेशान होकर वह थाना सिविल लाइंस पहुंचा। प्रभारी निरीक्षक से मिलने के लिए ही काफी प्रयास करने पड़े। किसी तरह से मुलाकात हो गई। कुछ खास लोगों से प्रभारी निरीक्षक की बात चल रही थी।
इसी बीच कहने लगे आप बताएं कैसे बैठे हैं। मैंने अपना दर्द सुनाना शुरू कर दिया। जैसे ही मैंने बताया कि मेरी कर चोरी हो गई है, जहां जाता हूं। कोई सुनने को तैयार नहीं चौकी इंचार्ज ने आपके पास भेजा है। इस पर वह नाराज होने लगे। कहा तुम्हारी कार चोरी हो गई तो पुलिस क्या करे। अपने सामान की खुद हिफाजत भी करनी चाहिए। कार को सड़क पर क्यों खड़ा करते हो।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।नंबर प्लेट चोरी होने की शिकायत भी कर दी अनसुनी
प्रथम अग्रवाल का कहना है कि कार चोरी होने की घटना से 15 दिन पहले कई लोगों की कारों की नंबर प्लेटें चोरी हो गई थीं। कैंप पुलिस चौकी में इस मामले की शिकायत भी की थी। पुलिस ने कह दिया था कि नशेड़ी खोलकर ले गए होंगे। दूसरे प्लेटों का आर्डर कर दो।ये भी पढ़ें - पड़ताल: वेस्ट यूपी में लापरवाही की हद पार, कांवड़ियों के पैरों को घायल करेंगी इस इलाके की बदहाल सड़केंएक महीने तक कार चोरी की प्राथमिकी दर्ज नहीं होना गंभीर मामला है। पीड़ित की प्राथमिकी दर्ज कराकर कार्रवाई कराई जाएगी। इसमें सिविल लाइंस पुलिस की भूमिका भी जांच होगी। - सतपाल अंतिल, एसएसपी