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Moradabad News: ग्राम विकास के लिए 50 लाख रुपये में से प्रधान व सचिव ने निजी फर्म के खाते में भेज दिए 41 लाख

स्वच्छ भारत मिशन के ओडीएफ प्लस अभियान के तहत जिले की 62 ग्राम पंचायतों को 26 करोड़ रुपये मिले हैं। इस धनराशि से ग्राम पंचायतों में कूड़ा प्रबंधन पर काम होना है। शहरों की तरह ग्राम पंचायतों में भी घर-घर जाकर कूड़ा कलेक्शन करने की व्यवस्था की जानी है।

By Mohsin PashaEdited By: Vivek BajpaiUpdated: Sun, 23 Oct 2022 02:59 PM (IST)
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तीन सदस्‍यीय कमेटी मामले की जांच कर रही है। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। विकास खंड, ठाकुरद्वारा ग्राम पंचायत रतुपुरा के विकास के लिए आए 50 लाख रुपये में से ग्राम प्रधान और सचिव ने 41 लाख 40 हजार 505 रुपये मुनीमपुर गांव की फर्म के खाते में भेज दिए। एक ही दिन में इतनी बड़ी धनराशि भेजे जाने की सूचना मिलते ही पंचायती राज निदेशालय के अधिकारी सक्रिय हो गए। शासन ने इस पर संज्ञान लेकर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने तत्काल उस खाते पर रोक लगा दी है। मामले में प्रधान और सचिव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए तहरीर दे दी गयी है। लेकिन, पुलिस इस मामले में तहरीर मिलने से इन्कार कर रही है।

स्वच्छ भारत मिशन के ओडीएफ प्लस अभियान के तहत जिले की 62 ग्राम पंचायतों को 26 करोड़ रुपये मिले हैं। इस धनराशि से ग्राम पंचायतों में कूड़ा प्रबंधन पर काम होना है। शहरों की तरह ग्राम पंचायतों में भी घर-घर जाकर कूड़ा कलेक्शन करने की व्यवस्था की जानी है। इसके अलावा हर ग्राम पंचायत में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट भी बनाया जाना है। इस योजना के तहत पूर्व सांसद कुंवर सर्वेश कुमार सिंह की ग्राम पंचायत रतूपुरा को 50 लाख रुपये मिले थे।

शुक्रवार को ग्राम प्रधान देवेंद्र सैनी और सचिव जयलाल शर्मा ने इस धनराशि में से मुनीमपुर गांव के धर्मेंद्र कुमार की फर्म एसएम ट्रेडर्स के खाते में 41 लाख 40 हजार 505 रुपये ट्रांसफर कर दिये। इस धनराशि के फर्म के खाते में ट्रांसफर होते ही पंचायत निदेशालय के अधिकारियों में खलबली मच गई। वहां से भुगतान की जानकारी

मंडलायुक्त आन्जनेय सिंह और जिलाधिकारी को देकर इस मामले में तत्काल कार्रवाई कराने के लिए कहा गया। जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी को जांच के लिए मौके पर भेजा गया। जांच के दौरान पता लगा कि भुगतान के सापेक्ष अभी तक ग्राम पंचायत में काम नहीं हो सका है। जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेकर तत्काल फर्म के खाते पर रोक लगवा दी गयी।

सीडीओ बोले, दी गई तहरीर

सीडीओ सुमित यादव ने कहा कि ग्राम पंचायत के खाते से एक ही दिन में धनराशि निकलने के मामले में ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दे दी गई है। सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जिस फर्म के खाते में धनराशि ट्रांसफर हुई है, उसका खाता कैनरा बैंक है। उस खाते को सीज करा दिया है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस विवेचना करेगी। इसमें जो दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि रतूपुरा प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए जिला विकास अधिकारी गोविंद बल्लभ पाठक के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम बना दी गयी है। कमेटी में डीडीओ के अलावा जिला पंचायत के वित्तीय परामर्शदाता और सहायक अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को रखा गया है। इस टीम को तीन दिन में जांच करके रिपोर्ट देनी है।

गुरुवार तक सिर्फ तीन लाख हुए थे खर्च

जिला पंचायत राज अधिकारी ओडीएफ प्लस गांव के विकास के लिए मिली धनराशि को खर्च कराने के लिए लगातार सहायक विकास अधिकारियों को पत्र लिख रहे हैं। इस योजना में चयनित ग्राम पंचायतों के सचिवों को नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं।गुरुवार तक सिर्फ तीन लाख रुपये ही इस योजना से मिली धनराशि में खर्च हो पाए थे। अचानक ही बड़ी रकम ट्रांसफर होने से पंचायती राज विभाग के कार्यालय में खलबली मची हुई है।

यह है भुगतान का तरीका

खंड विकास अधिकारी, ठाकुरद्वारा संजय कुमार ने बताया कि ओडीएफ प्लस का भुगतान करने में डोंगल प्रधान का लगता है। लेकिन, आइडी और पासवर्ड सचिव का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में भुगतान दोनों की राय से ही हुआ होगा।

प्रधान बोले, भुगतान हुआ ही कहां है

ग्राम प्रधान रतूपुरा देवेंद्र सैनी का कहना है कि ग्राम पंचायत में काम हो रहा है। यहां आकर देख लीजिए। हमने कोई अपराध नहीं किया है। भुगतान अभी हुआ ही कहां है।

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