फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा से जुड़ी ये रोचक बातें नहीं जानते होंगे आप, रामपुर से मिली थी नई सियासी उड़ान
Interesting story of Jayaprada एमपी एमएलए कोर्ट में आजम खां के खिलाफ जयाप्रदा पर अभद्र टिप्पणी मामले में सुनवाई चल रही है। अशोभनीय टिप्पणी का यह पहला मामला नहीं था इससे पहले भी आजम खां की हरकतों से अभिनेत्री परेशान हो चुकी हैं।
By Narendra KumarEdited By: Updated: Thu, 18 Nov 2021 06:11 AM (IST)
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Interesting story of Jayaprada : जनसभा में सांसद आजम खां की अशोभनीय टिप्पणी की शिकार फिल्म अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयाप्रदा का राजनीतिक और फिल्मी करियर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। कई रोचक किस्से हैं जिनके बारे में जानकर हर कोई हैरान रह जाएगा। अभिनेत्री का रामपुर से गहरा नाता रहा है। रामपुर से उनके राजनीतिक करियर को नई उड़ान मिली।
आजम खां की हरकतों ने किया परेशान : मई 2009 में जयाप्रदा ने सपा नेता आज़म खां पर उनकी मॉर्फ्ड तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर वायरल करने का आरोप लगाया था। उस वक्त उन्होंने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा था आजम मेरे ख़िलाफ़ सस्ते प्रचार अभियान में शामिल होकर मेरी छवि खराब कर रहे हैं वो मेरी मार्फ़्ड (परिविर्तत) तस्वीरें वायरल कर रहे हैं। जयाप्रदा ने ये भी कहा था कि आज़म खां और उनके समर्थकों ने मेरे कुछ पोस्टर और एक सीडी जारी की।
तेलुगू फिल्म से शुरुआत : जयाप्रदा ने अपने करियर की शुरुआत 1975-76 के आसपास की। विश्वनाथ के निर्देशन में बनी फ़िल्म सरगम से उन्होंने बॉलीवुड में एंट्री ली। ये फ़िल्म काफ़ी हिट रही लेकिन इससे उनके करियर को कोई फायदा नहीं दिया। उनके बॉलीवुड करियर के लिए सबसे बड़ा साल रहा 1984। इस साल जितेंद्र और श्रीदेवी के साथ उनकी फ़िल्म ‘तोहफ़ा’ आई। इस फ़िल्म में उनकी को-स्टार रहीं श्रीदेवी आगे चल कर उनकी बड़ी प्रतिद्वंदी बनीं। जयाप्रदा का बॉलीवुड कॅरियर चार साल का ही रहा। साल 1984 से लेकर 1988 तक वह बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में शुमार रहीं। 1984 में उनकी अमिताभ बच्चन के साथ एक फ़िल्म आई ‘शराबी’। इस फिल्म ने जयाप्रदा के बॉलीवुड के करियर को ऊपर उठाने का काम किया। जयाप्रदा ने अमिताभ बच्चन, जितेंद्र जैसे उस वक़्त के स्टार्स के साथ काम किया। लेकिन साल 1988 से उनके फ़िल्मी करियर का ढलान शुरू हुआ। 1990 में आज का अर्जुन फ़िल्म उनके करियर की आखिरी मुख्य भूमिका वाली फिल्म रही।
राजनीतिक सफर की शुरुआत : जयाप्रदा 1994 में एनटी रामा राव (एनटीआर) के बुलावे पर आंध्र प्रदेश की तेलुगू देशम पार्टी में शामिल हुईं। एनटीआर और जयाप्रदा ने कई तेलुगू फ़िल्मों में एक साथ काम किया था और यही वजह रही कि उन्होंने ये प्रस्ताव स्वीकार भी किया। जयाप्रदा कई इंटरव्यू में यह कह चुकी है कि टीडीपी में चंद्रबाबू नायडू ने उन्हें साइड लाइन किया। हालांकि ये भी सच है कि जब टीडीपी की कमान के लिए चंद्रबाबू नायडू ने विद्रोह किया था तो जयाप्रदा उनके साथ खड़ी रहीं। साल 2004 में जयाप्रदा सपा में शामिल हो गईं और रामपुर से उन्होंने सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उनके आज के प्रतिद्वंदी और सपा के दिग्गज नेता आज़म खां ने साथ दिया। जयाप्रदा साल 2004 से लेकर 2014 तक सपा के टिकट पर रामपुर से सांसद रहीं।
वैवाहिक जीवन : साल 1986 में जयप्रदा ने फिल्म निर्माता श्रीकांत नहाटा से शादी की। शादी से पहले जयाप्रदा और श्रीकांत नहाटा के रिश्तों की मीडिया में खूब चर्चा होती थी। उस वक़्त की कई मैगज़ीन में इन दोनों के अफ़ेयर की खबरें छपती थीं। बाद में शादी की तस्वीरें सामने आईं और उन्होंने शादी की बात मानी। श्रीकांत शादीशुदा थे इस वजह से जया को पत्नी का दर्जा नहीं मिल पाया और आगे जाकर दोनों अलग हो गए। जयाप्रदा ने अपनी बहन का बच्चा गोद ले लिया और उसके साथ रहने लगी।
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