पश्चिमी यूपी के दो दिग्गजों की भिड़ंत पर हाईकमान ने लगाया ब्रेक; हार के बाद एक्शन के मूड में भाजपा
केंद्रीय इकाई ने दोनों नेताओं से कहा अब कोई बयान नहीं देगा। वहीं एमएलसी डा. धर्मेंद्र बनाए गए मुजफ्फरनगर के पर्यवेक्षक। चुनाव परिणाम से उत्साहित सपा कांग्रेस जैसे दलों ने भाजपा पर हमला बोल दिया। वहीं भाजपा की केंद्रीय इकाई ने दोनों नेताओं को बयानबाजी से बचने की नसीहत देकर डैमेज कंट्रोल का प्रयास किया है। अब सोम और बालियान ने रणनीतिक चुप्पी साध ली है।
जागरण संवाददाता, मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के दो दिग्गज ऐसे भिड़े कि राष्ट्रीय राजनीतिक चर्चा के केंद्र में आ गए। लोकसभा चुनाव से पहले और परिणाम आने के बाद भी पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान और पूर्व विधायक संगीत सोम के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने राजनीति गरमा दी।
पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि चुनाव के बीच दोनों की खुली अदावत ने पश्चिम से पूरब तक पार्टी को नुकसान पहुंचाया। प्रदेश इकाई ने गोरखपुर क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष व एमएलसी डा. धर्मेंद्र सिंह को मुजफ्फरनगर की हार की समीक्षा का जिम्मा दिया है।
चुनाव से पहले की जमकर थी तकरार
लोकसभा चुनाव से पहले ही मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र अखाड़ा बन गया था। भाजपा के प्रत्याशी डा. संजीव बालियान का सरधना विधानसभा क्षेत्र में विरोध तेज होने लगा था, जिसके पीछे पूर्व विधायक संगीत सोम माने गए। चुनाव प्रचार अभियान के बीच भी दोनों के बीच जुबानी तीर चलते रहे।ये भी पढ़ेंः Haji Iqbal: कभी शहद और परचून की दुकान चलाता था अरबों का मालिक इकबाल, ईडी ने अब तक जब्त की 5,060 करोड़ रुपये की संपत्ति
सीएम योगी ने दो बार बालियान और सोम को साथ बिठाया, लेकिन आपसी दूरी कम नहीं हुई। 19 अप्रैल को पहले चरण में मुजफ्फरनगर का चुनाव खत्म होने के बाद बालियान प्रचार के लिए अमेठी चले गए। चार जून को परिणाम आया तो बालियान समेत कई दिग्गजों की हार ने भाजपा को जोर का झटका दिया।
चर्चा में रहा पर्चा
गत दिनों बालियान ने मुजफ्फरनगर में प्रेस वार्ता कर कहा था कि सोम ने सपा को खुलकर चुनाव लड़ाया था, जिसके बाद राजनीतिक पारा चढ़ गया। इसके अगले दिन सोम ने प्रेस वार्ता कर बालियान को अपने घर में मिली हार की जिम्मेदारी लेने का परामर्श देते हुए संकेतों में आइना भी दिखाया।
सोम की प्रेसवार्ता में एक पर्चा बंटा, जिसमें बालियान पर दर्जनों गंभीर आरोप लगाए गए थे। सोम ने भले ही पर्चे बांटने वाले को लेकर लालकुर्ती थाने में शिकायत दी हो, लेकिन बालियान खेमे ने इसमें पूर्व विधायक की मिलीभगत कहा।ये भी पढ़ेंः भाजपा से बगावत में कितनी सच्चाई? ओम प्रकाश राजभर ने सबकुछ किया क्लियर; बोले- ये हमारी मुंडी काटकर...
इसी बीच क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र शिशौदिया ने दोनों से बात कर उन्हें संयम बरतने के लिए कहा। प्रदेश इकाई ने पूरी रिपोर्ट केंद्रीय इकाई को दी, जहां से सोम और बालियान को बयान से बचने के लिए कहा गया है।
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