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Mustard Seeds: यूपी में किसानों को फ्री में मिलेंगे अच्छी क्वालिटी के बीज, फटाफट करा लें पंजीकरण

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें सरसों और तोरिया की अच्छी प्रजाति का बीज मुफ्त में मिलेगा। कृषि विभाग को बीज विकास निगम की ओर से बीज की आपूर्ति कर दी गई है। सोमवार से जिला मुख्यालय तहसील और ब्लाक स्तरीय विभागीय गोदामों से बीज का वितरण होगा। किसानों को न्यूनतम दो और अधिकतम चार किलो बीज दिया जाएगा।

By Sanjeev Kumar Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 28 Sep 2024 06:06 PM (IST)
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यूपी में किसानों को फ्री में मिलेंगे अच्छी क्वालिटी के बीज - प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। जनपद के किसानों को सरसों ओर तोरिया की अच्छी प्रजाति का बीज फ्री में मिलेगा। बीज विकास निगम की ओर से कृषि विभाग को आपूर्ति हुई है। सोमवार से जिला मुख्यालय, तहसील और ब्लाक स्तरीय विभागीय गोदामों से बीज का वितरण होगा। किसानों को न्यूनतम दो और अधिकतम चार किलो बीज दिया जाएगा।

जनपद में बड़ी संख्या में किसान सरसों की बुवाई करते हैं। किसानों को सरसों का बीज कृषि विभाग की ओर से निश्शुल्क दिया जाएगा। इसके लिए जनपद में बीज की खेप पहुंच गई है। सरसों का बीज 24 कुंतल और तोरिया का बीज एक कुंतल प्राप्त हुआ है। बीज मिनी किट (पैकेट) के रूप में प्राप्त हुआ है। प्रत्येक पैकेट दो किलोग्राम है।

जिला कृषि अधिकारी राहुल सिंह तेवतिया ने बताया, सरसों और तोरिया की मिनी किट प्राप्त हो गई है। कुल 1250 मिनी किट प्राप्त हुई हैं। सोमवार से वितरण शुरू होगा। गोदामों से केवल उन्हीं किसानों को बीज दिया जाएगा, जिनका विभगा में पंजीकरण हैं। यदि नहीं है तो तत्काल करा लें। पाश मशीन के माध्मय से किसानों को बीज वितरित किया जाएगा। इसके लिए किसान आधार कार्ड, रजिस्टेशन नंबर और जिस मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन किया है वह जरूर लेकर आए।

पीएम-32 में तेल की मात्रा अधिक

जिला कृषि अधिकारी ने बताया, किसानों को सरसों की पूसा मस्टर्ड-32 किस्म का बीज दिया जाएगा। जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्था पूसा ने विकसित किया है। इस किस्म की खास बात यह है कि इसमें सफेद रतुआ रोग लगने की संभावना बेहद कम है, जिससे अच्छी पैदावार देने में समक्ष है। किसान 25 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन ले सकते हैं। वहीं तोरिया की प्रजाति पीटी 508 का बीज वितरित किया जाएगा। हालांकि जनपद के किसान तोरिया की खेती के प्रति आकर्षित नहीं हैं।

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