पैराओलिंपिक 2020 खेलों में मुजफ्फरनगर की दिव्यांग बेटी ज्योति बालियान भी टोक्यो में मुजफ्फरनगर का परचम लहराएंगी। विश्व रैंकिंग की बदौलत ज्योति को पैराओलिंपिक का कोटा मिला है। हालांकि पैराओलिंपिक के लिए यूरोप में हुई क्वालीफाईग प्रतियोगिता में भारतीय टीम शिरकत नहीं कर सकी थी। लेकिन ज्योति को उनकी 17वीं वर्ल्ड रैंकिग के आधार पर पैराओलिंपिक कोटा मिला है। ज्योति के चयन की सूचना से उनके गांव से लेकर जनपद के लोगों का सीना गर्व से फूल रहा है। सभी बेटी से गोल्ड की उम्मीद कर रहे हैं।
By JagranEdited By: Updated: Tue, 13 Jul 2021 10:53 PM (IST)
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। पैराओलिंपिक 2020 खेलों में मुजफ्फरनगर की दिव्यांग बेटी ज्योति बालियान भी टोक्यो में मुजफ्फरनगर का परचम लहराएंगी। विश्व रैंकिंग की बदौलत ज्योति को पैराओलिंपिक का कोटा मिला है। हालांकि पैराओलिंपिक के लिए यूरोप में हुई क्वालीफाईग प्रतियोगिता में भारतीय टीम शिरकत नहीं कर सकी थी। लेकिन ज्योति को उनकी 17वीं वर्ल्ड रैंकिग के आधार पर पैराओलिंपिक कोटा मिला है। ज्योति के चयन की सूचना से उनके गांव से लेकर जनपद के लोगों का सीना गर्व से फूल रहा है। सभी बेटी से गोल्ड की उम्मीद कर रहे हैं।
गांव गोयला निवासी किसान परिवार में जन्मीं ज्योति बालियान सफलता की सीढ़ी चढ़ती जा रही है। पिता का साया सर से उठने के बाद भी ज्योति ने हिम्मत नहीं हारी और अचूक निशाने लगाते आ रही है। 12 वर्षो से तीरंदाजी में जी तोड़ मेहनत कर मेडल हासिल कर चुकी ज्योति बालियान को अब पैराओलिंपिक में चयन होने से लोगों की उम्मीदें उनसे बढ़ गई है। वर्ष 2009 में तीरंदाजी में किस्मत आजमाना शुरू किया। जिससे बाद विश्व के नामचीन तीरंदाजों में उनका नाम शामिल हो गया। इसी वर्ष जनवरी माह में दुबई में आयोजित सातवीं फिजा पैरा तीरंदाजी टूर्नामेंट में वर्ल्ड के टाप-10 तीरंदाजों को बुलाया गया था, जिसमें ज्योति ने भी हिस्सा लिया था। वहीं, नीदरलैंड में हुई वर्ल्ड चैम्पियनशिप में उन्होंने 17वीं रैंक हासिल की, जिसके दम उन्हें चुना गया है।
--- ज्योति ने विदेशी धरती पर बटौरे मेडल
दिव्यांग ज्योति ने वर्ष 2017 में चीन की राजधानी बीजिग में रजत पदक हासिल किया। इसके साथ ही वर्ष 2018 में इंडोनेशिया में देश का नाम रोशन किया। वर्ष 2019 व 2021 में दुबई में अचूक निशाने लगाए। इसके साथ ही थाईलैंड और नीदरलैंड में स्वर्ण और रजत पदक हासिल किए हैं। ---
डीएम ने दिया था चार लाख का धनुष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल हासिल करने के लिए संसाधन जुटाना ज्योति के लिए बड़ी चुनौती थी। छह साल पहले 2.50 लाख रुपये की कीमत का धनुष ज्योति ने खरीदा था। लेकिन दो साल से ज्योति को चार लाख रुपये वाले के धनुष की दरकार थी। इसके लिए प्रशासन से सहायता मांग। डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने यह धनुष मुहैया कराया है। इसी से ज्योति वर्ल्ड चैंपियनशिप और पैराओलिंपिक की तैयारी में जुटी। सोनीपत में उन्हें तैयारी करा रहे कोच कुलदीप कुमार वेदवान ने बताया कि 24 अगस्त से जापान के टोक्यो में होने वाले पैराओलिंपिक में वह प्रतिभाग करेंगी। भारत से तीरंदाजी में पांच खिलाड़ी चयनित हुए है, जिसमें ज्योति बालियान पांचवें नम्बर पर है। तीरंदाज साहिल का जूनियर विश्वकप के लिए चयन जेएनएन, मुजफ्फरनगर। तीरंदाजी में राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन दिखाने वाले शाहपुर क्षेत्र के खतौला गांव निवासी साहिल चौधरी का चयन जूनियर विश्व कप के लिए हुआ है। इससे पहले भी साहिल कई बार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। सोरम आर्चरी क्लब के होनहार खिलाड़ी साहिल ने सोनीपत में आयोजित तीरंदाजी प्रतियोगिता में कैडिट जूनियर विश्वकप प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इस प्रदर्शन के आधार पर साहित का चयन नौ से 15 अगस्त तक पोलैंड में होने वाले जूनियर विश्वकप के लिए हुआ है। सोरम आर्चरी क्लब के संस्थापक विपिन बालियान ने बताया कि साहित एक उदीयमान खिलाड़ी है। आने वाले समय में साहिल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करेगा। क्लब के साथी खिलाड़ियों ने साहिल के चयन पर खुशी जताई है। कोच वैभव साहू का कहना है कि साहिल होनहार खिलाड़ी है उम्मीद है कि वह पोलैंड में भी बेहतर खेल का प्रदर्शन कर देश के साथ क्षेत्र का भी नाम रोशन करेगा।
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