Kanwar Yatra: अनूठी है 12 साल की सुहाना की शिवभक्ति; भाई अफान के साथ पहली बार कांवड़ लाई दिल्ली की 'लाडली'
Kanwar Yatra Update News Muzaffarnagar कक्षा सात की सुहाना अपने भाई अफान के साथ हरिद्वार की हर की पैड़ी से कांवड़ लेकर दिल्ली के लिए निकली है। सुहाना ने बताया कि वो खाटू श्याम मंदिर भी जा चुकी है। अब पहली बार कांवड़ लाई है तो बहुत अच्छा लगा है। सुहाना के पिता का देहांत हो चुका है और घरों में काम करती है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा में सांप्रदायिक सौहार्द में देखने को मिल रहा है। दिल्ली के मुस्लिम भाई व बहन हरिद्वार से कांवड़ लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार कांवड़ लाए, बहुत अच्छा लग रहा है।
दिल्ली के दरियागंज निवासी 12 वर्षीय सुहाना अपने 13 वर्षीय भाई अफान के साथ हरिद्वार से पैदल गंगा जल लेकर कांवड़ ला रही है। हरिद्वार से चलकर मुजफ्फरनगर पहुंचने पर सुहाना और अफान के इस धार्मिक जज्बे को देखकर लोग इनकी प्रशंसा कर रहे हैं।
दिल्ली की सुहाना कांवड़ लेकर निकली है।
कक्षा सात की छात्रा है सुहाना
सुहाना कक्षा 7 की छात्रा है, वह और उसका भाई दरियागंज के ही कुछ महिलाओं के साथ हरिद्वार से कावड़ लेकर रविवार देर शाम मुजफ्फरनगर पहुंची। सुहाना बताती है कि उनके पिता का देहांत हो चुका है और उनकी मां आर्थिक तंगी के चलते घर-घर सफाई करने का काम करती है। उनके पास सिर छुपाने को घर नहीं है। इसलिए सुहाना ने भगवान शिव से अपने परिवार के लिए अपना खुद का घर होने की मनोकामना मांगते हुए हरिद्वार से पैदल कांवड़ लाने का मन बनाया।
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हर की पैड़ी से गंगाजल लेकर पैदल निकली सुहाना
सुहाना अपने ही मोहल्ले की हिंदू परिवार की कुछ महिलाएं राजकुमारी चंदेल और पूजा के साथ अपने भाई अपने अफान को साथ लेकर दो दिन पहले दिल्ली से वाया ट्रेन हरिद्वार पहुंची। शुक्रवार को हर की पैड़ी से गंगाजल उठाकर पैदल चलते हुए मुजफ्फरनगर पहुंची।
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सुहाना ने बताया कि वह कांवड़ लाने से पहले अपने मोहल्ले की महिलाओं के साथ खाटू श्याम के दर्शन भी कर चुकी है। उसको नहीं पता कि धर्म और समाज क्या होता है।
मनोकामना पूरी होने पर दोबारा चढ़ाएगी कांवड़
सुहाना ने कहा, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि भोलेनाथ की कांवड़ लेकर आ रही हूं, जब मनोकामना पूरी हो जाएगी तो दोबारा हरिद्वार से गंगाजल लेकर दिल्ली जाऊंगी।
पिता की मौत के बाद आर्थिक परेशानी
सुहाना के साथ कांवड़ लेकर आ रही पूजा का कहना है कि सुहाना के पिता की कई वर्ष पहले मौत हो चुकी है और गरीबी के कारण इसकी मां घर-घर में सफाई का काम करते हुए इन बच्चों का लालन पोषण कर रही है। सुहाना दिल्ली में हमारे साथ खेलती है और इनके पास अपना मकान नहीं है।