Muzaffarnagar Teacher Murder: हेड कॉन्स्टेबल ने टीचर की कैसे ली जान? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई ये बातें
Muzaffarnagar Teacher Murder वाराणसी जिले से ट्रक से यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल लेकर आए अध्यापक धर्मेंद्र कुमार की हेड कॉन्स्टेबल चंद्रप्रकाश यादव ने कार्बाइन से गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने आरोपित हेड कॉन्स्टेबल को पकड़ लिया था। हेड कॉन्स्टेबल को मंगलवार दोपहर बाद कोर्ट में पेश किया जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। Muzaffarnagar Teacher Murder Case: हेड कॉन्स्टेबल ने अध्यापक धर्मेंद्र पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं, इसकी पुष्टि डॉक्टरों के पैनल द्वारा किए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुई है। धर्मेंद्र के शरीर में पांच गोलियां आरपार हो गई थीं। पुलिस सुरक्षा में एंबुलेंस से देर रात ढाई बजे शव को वाराणसी भेज दिया गया।
उधर, पुलिस ने आरोपित हेड कॉन्स्टेबल को मंगलवार दोपहर बाद कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। अभी एक अन्य अध्यापक और दो चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी विवेतचनात्मक कार्रवाई में पुलिस का सहयोग करने के लिए रुके हुए हैं।
बता दें कि रविवार रात लगभग डेढ़ बजे वाराणसी जिले से ट्रक से यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल लेकर आए अनुसूचित वर्ग के अध्यापक धर्मेंद्र कुमार निवासी बैहराट, रामगढ़ जिला चंदौली की सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में एसडी इंटर कॉलेज गेट के पास हेड कॉन्स्टेबल चंद्रप्रकाश यादव ने कार्बाइन से गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी।
हत्या, एससी-एसटी एक्ट की धारा में केस दर्ज
पुलिस ने आरोपित हेड कॉन्स्टेबल को पकड़ लिया था। सोमवार देर रात वाराणसी से आए अध्यापक के भाई जितेंद्र से डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी और एसएसपी अभिषेक सिंह ने सिविल लाइंस थाने में बातचीत की। इसके बाद जितेंद्र की तहरीर पर हेड कॉन्स्टेबल चंद्र प्रकाश यादव निवासी जलीलपुर फुसमा थाना दोहरीगढ़ जिला मऊ के खिलाफ हत्या और एससी-एसटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया। डीएम के निर्देश पर देर रात में ही डॉक्टरों के पैनल से अध्यापक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस ने धर्मेंद्र के शव को उनके छोटे भाई जितेंद्र के सुपुर्द कर दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई ये बात
एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया, देर रात ढाई बजे शव को दो पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में एंबुलेंस से वाराणसी भेजा गया है, क्योंकि वर्तमान में अध्यापक और उनके भाई का परिवार वाराणसी में ही रहता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई है, जिसमें धर्मेंद्र के शरीर में पांच गोलियां आरपार निकलने की पुष्टि हुई है। मौके से 9 एमएम के 10 खोखे, एक बुलेट, 14 कारतूस मिले हैं।
आरोपी को भेजा गया जेल
एसपी सिटी ने बताया, आरोपी हेड कॉन्स्टेबल को मंगलवार दोपहर बाद कोर्ट में पेश किया। यहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। बताया कि अध्यापक धर्मेंद्र कुमार के साथ अध्यापक संतोष कुमार और दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जितेंद्र मौर्य व कृष्ण प्रताप भी आए थे, जो पुलिस की विवेचनात्क कार्रवाई में सहयोग करने के लिए अभी रुके हुए हैं। पुलिस उनके बयान दर्ज कर रही है। अगर जरूरत पड़ी तो तीनों के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए जाएंगे। इस प्रक्रिया में एक दो दिन का समय लग सकता है।
'धर्मेंद्र को मौत खींच कर लाई थी'
अध्यापक संतोष कुमार पुत्र मुन्नी लाल निवासी कसोंद थाना मीमपुरा जिला बलिया से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया, वह धर्मेंद्र के साथ पिछले पांच साल से यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाएं सेंटरों पर ले जा रहे थे और पहली बार वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आए थे। उन्हें नहीं मालूम था कि इस बार वह अपने दोस्त को खो देंगे। दिवंगत अध्यापक के भाई जितेंद्र ने बताया, वह दो भाई एक बहन है। धर्मेंद्र बड़े थे। धर्मेंद्र के एक बेटी है।
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