Nawazuddin Siddiqui के छोटे भाई शमास ने पीएम मोदी से मांगा सहयोग, एक्स पर पोस्ट की भावुक अपील
हिंडन बचाने को नवाजुद्दीन के भाई शमास की पीएम से गुहार। एक्स पर लिखा कि वह न तो नेता हैं और न कोई अभिनेता। नदी से उनका कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं जुड़ा है वह एक मुस्लिम हैं और आज सबसे अच्छे दौर में जी रहे हैं। वह एक जीवनदायिनी नदी के पुननिर्माण में देश के प्रधानमंत्री से सहयोग और आशीर्वाद मांग रहे हैं।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। दूषित जल और गंदगी से भर चुकी हिंडन नदी को बचाने के लिए अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के छोटे भाई शमास नवाब आगे आए हैं। उन्होंने अपने पैतृक घर कस्बा बुढाना के करीब से गुजर रही नदी की मौजूदा हालत पर दुख व्यक्त करते हुए पीएम मोदी को एक्स पर पत्र लिखकर उसे प्रदूषण मुक्त कराने की गुहार लगाई है।
उन्होंंने पीएम को साबरमती नदी साफ करने के लिए उनकी ओर से दिखाई जा रही प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए हिंडन पर भी कृपा दृष्टि डालने की गुहार लगाई है।
हिंडन में प्रदूषित पानी
जनपद मुजफ्फरनगर से होकर गुजर रही हिंडन नदी उत्तरी भारत में यमुना नदी की एक सहायक नदी है। इसका पुरातन नाम हरनदी या हरनंदी भी था। इसका उद्गम सहारनपुर जिले में निचले हिमालय क्षेत्र के ऊपरी शिवालिक पर्वतमाला में स्थित शाकंभरी देवी की पहाड़ियों मे है। कभी साफ पानी के लिए प्रसिद्ध हिंडन नदी आज दूषित जल का वाहक बन चुकी है।ये भी पढ़ेंः UP News: यूपी के किसानों के लिए खुशखबरी, बिजली पर ही नहीं रहेंगे निर्भर, 30 हजार किसानों को सोलर पंप देगी सरकार
एक्स पर लिखी पोस्ट
कस्बा बुढाना से सटकर बह रही इस नदी की मौजूदा दयनीय स्थिति पर पर वहां के मूल निवासी और अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के छोटे भाई शमास नवाब ने पीएम मोदी को एक्स किया है। उन्होंंने लिखा है कि महाभारत के पन्नों पर दर्ज इस एतिहासिक नदी हिंडन का अब ये हाल देखा नहीं जा रहा। उन्होंने लिखा कि इतिहास में दर्ज हिंडन ने कितनी सभ्यताओं को पाला-पोसा और प्यार किया, लेकिन आज यह जीवन भक्षक बन गई है।ये भी पढ़ेंः Sas Bahu Fight: सहारनपुर में मोबाइल डाटा के पीछे सास बहू का अजब गजब झगड़ा पहुंचा थाने, पति के सामने रख दिया ये ऑफर
शमास ने लिखा है कि वह क्षमा चाहते हैं कि आज उन सभी लोगों ने उसमें गंदगी डालकर उसे नाले में परिवर्तित कर दिया है। जिससे कभी अमृत स्वरूप रहा इस नदी का पानी आज जहर में तब्दील हो रहा है। शमास नवाब ने कहा कि आज के समय में नदी किनारे बसे गांव और कस्बों में कैंसर और दूसरी खतरनाक बीमारियां लोगों को दबोच रही हैं। नदी के पास से निकलना भी दूभर है। कहा कि दर्द होता है जब नाक बंद कर नदी के पास से गुजरना होता है।
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