मुआवजा मिला, संधावली के अमरूदगढ़ी में बनेगी नई मस्जिद
मुजफ्फरनगर : एनएच-58 पर संधावली ओवरब्रिज की जद में आ रहे मदरसे और मस्जिद का मलबा हटाने क
By JagranEdited By: Updated: Sat, 17 Feb 2018 11:27 PM (IST)
मुजफ्फरनगर : एनएच-58 पर संधावली ओवरब्रिज की जद में आ रहे मदरसे और मस्जिद का मलबा हटाने का काम शनिवार को भी जारी रहा। संधावली गांव के ही अमरूदगढ़ी मोहल्ले में नई मस्जिद का निर्माण किया जाएगा। मदरसे के लिए अभी भूमि की तलाश की जा रही है। मस्जिद निर्माण के लिए प्रशासन ने मदरसा दारुल हुदा फैज-ए-आम जामिया इब्राहिमिया की कमेटी के बैंक खाते में 36.23 लाख रुपये आरटीजीएस कर दिए हैं। मलबा हटने के करीब दस दिन बाद ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू होगा। दस करोड़ की लागत वाला ओवरब्रिज का निर्माण तीन माह में पूरा हो जाएगा।
लंबी जिद्दोजहद के बाद मुस्लिम समाज ने बीते दिनों संधावली पुल के आड़े आ रहे मस्जिद और मदरसे को हटाने की इजाजत दे दी थी। गुरुवार को मस्जिद और मदरसे का हटाने का काम शुरू हो गया था। संधावली के मोहल्ला अमरूदगढ़ी में मलबा डाला जा रहा है। मदरसा कमेटी और प्रशासन के बीच बातचीत के मुताबिक इसी जगह पर नई मस्जिद का निर्माण किया जाएगा। कमेटी अध्यक्ष कारी अमीर अहमद का कहना है कि मदरसा और मस्जिद का मुआवजा प्रशासन ने 40 लाख 80 हजार 538 रुपये तय किया था, जबकि 36 लाख 23 हजार 518 रुपये दिए गए। बताया कि मस्जिद का निर्माण कार्य जल्द शुरू करा दिया जाएगा। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक डीके चतुर्वेदी ने बताया कि मलबा हटने में अभी दो दिन और लगेंगे। ओवरब्रिज निर्माण के बाद दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर यातायात सुगम हो जाएगा। काश 10 साल पहले हो जाता समझौता बीते दिनों पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और सांसद डॉ. संजीव बालियान के साथ नितिन गडकरी ने ओवरब्रिज का निरीक्षण किया था। पुल का नजारा देखकर गडकरी के मुंह से अचानक निकला, अरे ये तो मौत का न्यौता देने जैसा है। उन्होंने एनएचएआइ के अधिकारियों को जल्द निर्माण के लिए हिदायत दी। दरअसल, ओवरब्रिज का अधर में लटका निर्माण हादसों का सबब बनने लगा था। इसमें कई जिंदगियां मौत के मुंह में समा गई। वर्ष 2008 में मदरसा कमेटी के पदाधिकारी मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये मांग रहे थे, जबकि एनएचएआइ 23 लाख रुपये में समझौता चाहता था। मामला धार्मिक होने के कारण राजनैतिक व सामाजिक संगठनों ने हाथ खींच लिए थे।
मेहंदी हसन ने दी थी जमीन कमेटी पदाधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2000 में संधावली गांव के समीप मदरसे का निर्माण हुआ था। मदरसा प्रांगण में बाहर की ओर मस्जिद बनाई गई। इस बाबत 15 सौ वर्ग मीटर जमीन मेहंदी हसन और उनके पुत्रों ने दी थी। मस्जिद वाली भूमि का मुआवजा 12 लाख रुपये किसान मेहंदी हसन के खाते में अलग से भेजे जाएंगे।
मदरसे में 130 बच्चे मदरसा प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष हिफजुल रहमान ने बताया कि मदरसे में 130 बच्चे पांचवीं तक की शिक्षा ले रहे हैं। फिलहाल बच्चों की छुट्टी कर दी गई है। नए सत्र में उन्हें दूसरे मदरसों में प्रवेश दिलाया जाएगा। इनमें से 50 बच्चे मदरसे में भी रह रहे थे। इनका कहना है.. मदरसा प्रबंधन के बैंक खाते में 36.23 लाख रुपये आरटीजीएस कर दिए हैं। मदरसा भूमि के स्वामी मेहंदी हसन को 12 लाख मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजा 40 लाख 80 हजार 538 रुपये तय हुआ था। इसमें से भूमि अधिग्रहण व्यय व टीडीएस के रूप में 4.57 लाख रुपये की कटौती हुई है। आयकर कटौती को वापस दिलाने का भी प्रयास चल रहा है। एनएचआइए के अधिकारियों से ओवरब्रिज के निर्माण को कहा गया है। - रंजीत कुमार, तहसीलदार सदर।
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