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जंक फूड को कहें अलविदा, बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता

कोरोना के भयावह मंजर से ही सही लेकिन अब सबक लेना ही हमें एक स्वस्थ जीवन की ओर ले जा सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता की शरीर में बढ़ोत्तरी ही प्राणवायु के बराबर है। जिदगी के सफर में सजीव रहने के लिए प्राणवायु आक्सीजन और रोग प्रतिरोधक क्षमता दोनों ही अहम है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Feb 2022 10:54 PM (IST)Updated: Sun, 20 Feb 2022 10:54 PM (IST)
जंक फूड को कहें अलविदा, बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कोरोना के भयावह मंजर से ही सही, लेकिन अब सबक लेना ही हमें एक स्वस्थ जीवन की ओर ले जा सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता की शरीर में बढ़ोत्तरी ही प्राणवायु के बराबर है। जिदगी के सफर में सजीव रहने के लिए प्राणवायु आक्सीजन और रोग प्रतिरोधक क्षमता दोनों ही अहम है।

डायटिशियन आयुषी अग्रवाल का कहना है कि जंक फूड खाना स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है। वहीं देखा जा रहा है कि लगातार लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी पाई जा रही है। उन्होंने बताया कि ताजा फलों और सब्जियों के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता को आसानी से बढ़ा सकते हैं। वहीं जंक फूड से दूरी बनाकर मौसमी बीमारी, कोरोना और ओमिक्रोन जैसी घातक बीमारियों को मात दे सकते हैं। भोजन में अधिक मात्रा में तरल आहार लें, जिसमें फलों का जूस, नींबू पानी का भरपूर प्रयोग करें। विटामिन सी युक्त पौष्टिक भोजन के सेवन से भी आप बीमारियों से दूर रहेंगे। उन्होंने बताया कि मांसाहार का सेवन करने वाले अपनी डाइट में अंडा और मछली शामिल करें। इससे मांसाहार खाने वालों को भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिलेगा। डायटिशियन ने बताया कि एल्कोहाल और धूमपान से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। कहा कि शराब, बीयर आदि का सेवन करने से उच्च रक्तचाप और निम्न रक्तचाप जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। वहीं जंक फूड स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। हरे पत्तेदार और मौसमी फलों के सेवन से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ फिटनेस में भी सुधार होगा। कोरोनाकाल में भी रोग प्रतिरोधक क्षमता ने वो कमाल कर दिखाया जो किसी के बस में नहीं था। शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स ने कोरोना के साथ जंग लड़ रोग प्रतिरोधक क्षमता की शक्ति से परिचित कराया। अपनी फिटनेस पर भी दें ध्यान

डायटिशियन डा. आयुषी अग्रवाल का कहना है कि दौड़-भाग की जिदगी में कुछ समय खुद को भी दें। योग और व्यायाम को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाने वाले अकसर कम बीमार पड़ते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि समय-समय पर बीएमआइ (बाडी मास इंडेक्स) को भी आंकें। बाडी मास इंडेक्स आपके शरीर में अधिक जमी चर्बी का आंकलन करेगा। इसके बाद आप अपने वजन और लंबाई के हिसाब से अपनी डायट तैयार करें।


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