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सूख गए राजवाहों के हलक, सिचाई को तरसे किसान

गंगनहर का जलस्तर कम हो गया है जिससे रजवाहों में पानी का प्रवाह बंद कर दिया गया है। इससे किसान चितित हैं। सिचाई नहीं होने से गन्ना हरा चारा की फसल को पानी नहीं मिल रहा है। खेतों का पलेवा नहीं होने से बुवाई कार्य भी प्रभावित हो रहा है। किसानों ने रजवाहों में पानी छोड़ने की मांग की है। किसानों का कहना है कि दो माह से ठीक से पानी आपूर्ति नहीं हो रही है। टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं सिचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 05 May 2021 10:27 PM (IST)
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सूख गए राजवाहों के हलक, सिचाई को तरसे किसान

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। गंगनहर का जलस्तर कम हो गया है, जिससे रजवाहों में पानी का प्रवाह बंद कर दिया गया है। इससे किसान चितित हैं। सिचाई नहीं होने से गन्ना, हरा चारा की फसल को पानी नहीं मिल रहा है। खेतों का पलेवा नहीं होने से बुवाई कार्य भी प्रभावित हो रहा है। किसानों ने रजवाहों में पानी छोड़ने की मांग की है। किसानों का कहना है कि दो माह से ठीक से पानी आपूर्ति नहीं हो रही है। टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं सिचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं।

कोरोना संक्रमण का असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। किसान-मजदूर प्रभावित हैं। किसान महामारी से जूझते हुए खेती कार्य में लगे हुए हैं। जिले में काफी बड़े कृषि भू-भाग पर गंगनहर के पानी से खेतों की सिचाई होती है। गंगनहर से पानी रजवाहों में जाता है और वहां से माइनरों व नाली के माध्यम से खेतों में जाता है। गर्मी से सीजन चल रहा है। लू के चलते कृषि वैज्ञानिक खेतों में जल्दी-जल्दी सिचाई करने का सुझाव दे रहे हैं, लेकिन किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिल नहीं मिल रहा है। उत्तराखंड के मोहम्मपुर से निकलने वाले रजवाहों से पर्याप्त पानी किसानों को नहीं मिल रहा है। दरअसल, गंगनहर से रजवाहों में आधे पानी की सप्लाई भी नहीं हो पा रही है, जिससे टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। गांव सीकरी, रहमतपुर, भोपा, बेलड़ा, अथाई समेत दर्जनों गांवों के किसान फसलों की सिचाई के लिए परेशान है।

डीजल फूंककर कर रहे सिचाई

बेलड़ा गांव के किसान धर्मवीर सिंह का कहना है कि दो माह से रजवाहे में ठीक से पानी नहीं आ रहा। रात को कुछ समय के लिए पानी आता है, जिनकी सिचाई रोस्टर दिन का है उनकी फसल सूख रही है। ऐसे में ट्रैक्टर व इंजन के माध्यम से ट्यूबवेल चलाकर खेतों की सिचाई करनी पड़ रही है। भोपा के किसान अजय कुमार का कहना है कि महीनों से टेल तक पानी नहीं आया है। गन्ना, हरे चारे व सब्जी की फसल प्रभावित है। कोरोना संक्रमित हें अफसर-कर्मी

सिचाई विभाग के एक्सईएन हरी शर्मा का कहना है कि विभागीय अधिकारी और कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं। वह स्वयं संक्रमित हैं और होम आइसोलेट हैं। एक तिहाई स्टाफ भी ठीक नहीं है। वहीं गंगनहर में ऊपर से ही पानी की सप्लाई काफी कमी है। सात हजार क्यूसेक पानी होने पर ही रजवाहों में सप्लाई होती है, लेकिन वर्तमान में पांच हजार क्यूसेक पानी है।

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