सिसौली के किसान भवन में महेंद्र सिंह टिकैत के जन्मदिवस पर किसान भवन में विशाल हवन के साथ शुरू हुआ। लगभग तीन घंटे चले हवन में किसानों, किसान नेताओ, राजनीतिक दलों के नेताओं ने आहुति दी। हवन के बाद श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। मंच पर सबसे पहले स्कूल ऑफ नेचर फाउंडेशन के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर किसान की हालत पर लघु नाटक प्रस्तुत किए। "मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती" का सुंदर गीत प्रस्तुत किया।
हमेश याद किया जाएगा
कार्यक्रम के पहले संबोधन में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि महेंद्र सिंह टिकैत को हमेशा याद किया जाता रहेगा। मैंने काले कानून के खिलाफ माइक तोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि संसद के साथ सड़क पर भी साथ रहेंगे। पूर्व सांसद राजपाल सैनी ने अपने संबोधन में कहा की लड़ाई बेइमानो से है। भारतीय किसान यूनियन व किसानों के संगठन की बदौलत ही काले कानून वापस हुए।
आंदोलन ने हिला दी थी दुनिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी कोई कानून वापस नहीं लेते लेकिन राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों को उनका हक मिला है। 13 महीने के आंदोलन ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रालोद के बुढ़ाना विधायक राजपाल बालियान ने कहा की जहा किसी दफ्तर में चपरासी बाहर निकाल देता है। बाबा जी ने आपको हक मांगना सिखाया। ट्रैक्टर मोटरसाइकिल दस वर्षों के बाद अगर चल रहे है वो राकेश टिकैत की देन है।
वर्ल्ड के नेता हैं राकेश टिकैत
राकेश टिकैत हिंदुस्तान के नेता नहीं पूरे वर्ल्ड के किसानों के नेता है। सरकार अपने वादे से मुकर रही है। लेकिन संघर्ष जारी है। इसी कार्यालय से शुरू हुए थे। आज हम उनके बताए रास्ते पर चलकर महेंद्र सिंह का नाम रोशन कर रहे है। किसान इनकी ताकत है उम्मीद है इस ताकत को बढ़ाते रहेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य जगतार सिंह बाजवा ने महेंद्र सिंह टिकैत को श्रद्धांजलि देकर किसानों को एक जुट रहने का आह्वान करते हुए कहा की 13 महीने के आंदोलन ने देश दुनिया के किसानो को नई ऊर्जा दी है।
ईमानदारी की मिसाल बताया
पूर्व मंत्री धर्मवीर बालियान ने कहा कि किसानों में क्रांति लाने के लिए किसान मसीहा स्व महेंद्र सिंह टिकैत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी सादगी और ईमानदारी की मिसाल थे। उनके सामने कोई प्रधानमंत्री हो या मुख्यमंत्री हो किसानों के लिए सिसौली आने को मजबूर किया। सिसौली किसानों की राजधानी बनाकर किसान की आवाज बुलंद की।
अपनी एक अलग पहचान बनाई
स्वामी आर्यवेश ने अपने संबोधन में कहा की किसानों की आवाज बुलंद करने वाले महेंद्र सिंह टिकैत द्वारा बनाई गई भारतीय किसान यूनियन ने दुनिया में अपनी पहचान बनाई। स्वामी आर्यवेश ने 1987 के आंदोलन से लेकर स्व चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के आंदोलनों खेड़ी करमू, दिल्ली वोट क्लब, मेरठ, आदि आंदोलनों की चर्चा करते हुए कहा की प्रधानमंत्री राजीव गांधी, वीपी सिंह हो या अन्य कोई भी हो उन्होंने अपनी मांग मजबूती से रखी।
असली रावण अभी जिंदा
स्व महेंद्र सिंह टिकैत ने चौधरी नरेश टिकैत व राकेश टिकैत को ही नही सभी किसानों को जिम्मेदारी दी है। असली रावण अभी जिंदा है हमारे समाज के रावण को मरना है। कागज के रावण के मारने से कुछ नही होगा। अपनी ताकत को मजबूत करे। संकल्प ले जाति व वर्ग भेद में बंटकर ना रहे। एक होकर संगठित होकर आवाज को बुलंद रखने का काम करे।
हजारों की भीड़ मौजूद
कार्यक्रम में सर्वखाप मंत्री सुभाष बालियान, पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक, महिला विंग की अध्यक्ष केतकी सिंह, रालोद राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीषा अहलावत, पूर्व मंत्री धर्मवीर बालियान, भाकियू राष्ट्रीय प्रचार मंत्री होशियार सिंह, देशवाल खाप के चौधरी शरणवीर देशवाल, गुरमेज सिंह बाजवा, सौदान सिंह, शामली विधायक प्रसन्न चौधरी, थांबेदार मांगेराम, प्रगति कौर, श्यामसिंह थांबेदार, विधायक अशरफ अली सहित हजारों की भीड़ मौजूद रही।
किसानों को एक करने का काम किया
पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि राकेश टिकैत ने सारे हिंदुस्तान के किसानों को एक करने का काम किया। आप जिन्हें बड़े साहब कहते थे आज वो आपको बड़े सहाब कहते है ये उन्ही की देन है।वे कभी सरकार में नही गये उन्होंने खेत मे खुरपा लेकर लड़ाई लड़ी और हमारा स्वाभिमान बचाया। हम राजनीति में गये लेकिन जो शिक्षा यहां से मिली वो कही नही मिली। आम किसान जाती में न बटकर एक झंडे के नीचे खड़ा है।हम सब टिकैत परिवार के साथ हमेशा खड़े रहेंगे।
ये बोले जयन्त चौधरी
कार्यक्रम में अपने संबोधन में रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने कहा आज जश्न से माहौल दिखाई दे रहा है। कुछ ऐसे मौके होते है हम खुशी मना सकते है। जब तक किसानों की समस्याएं समाप्त न हो जाए तब तक हमे ये तारीख याद रखनी चाहिए। एक सामाजिक आंदोलन के रूप में हम उन्हें याद करते है और उन्हें श्रद्धांजलि देते है। अगर समाज के लिए मरने की बात आये तो वो पीछे नहीं हटे।
क्यों भेजे जा रहे किसानों के बिल
किसान मजदूर के नाम पर गांव के सारे लोग जाति भूलकर इकट्ठे हो जाते थे यही आपकी ताकत है। 13 महीने के बाद सरकार ने झूट बोलकर वापस भेज दिया। एक नौकरी थी जिसमें गांव के युवा उत्साह से जाते थे जो इन्होंने खराब कर दी। योगी जी किस वाहन पर शोभा यात्रा पर जाते थे। किसानों को अपने परिवार को लेकर ट्रैक्टर पर जाने से रोक लगा दी। अमित शाह कहते हैं कि किसानों के बिजली बिल नहीं आएंगे। लेकिन अब बिल भेज रहे है। ये वादा खिलाफी है। मोरना मिल के विस्तारीकरण की कोई योजना सरकार की नही है। विधायको को सदन में जवाब मिला।19 अक्टूबर को मोरना पर किसान सम्मेलन करेंगे।
सरकार हमारा चालान करे : राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने संबोधित करते हुए कहा कि एक ट्रैक्टर कानपुर में पलटने से सरकार को बहाना मिल गया है। कोटद्वार में बस पलटने व रेल हादसे होते है।क्या बस व रेल बंद हो गयी। किसान आंदोलन में ट्रैक्टरों पर रोक लगाने की सरकार की चाल है। 26 जनवरी के शामली में किसानों पर नोटिस अब आये। चेतावनी दी कि ये ट्रैक्टर 17 अक्टूबर में शामली में आंदोलन में चलेंगे। हम स्वयं ट्रैक्टर से शामली जाकर कानून तोड़ेंगे हमारा चालान करे। ये कोई अफगानिस्तान के टैंक नही।
किसान क्रांति ट्रैक्टर यात्रा की घोषणा
सर्वे करे की सबसे ज्यादा हादसे किस वहांन से होते है। दस वर्ष पुराने ट्रेक्टर बंद करने की सरकार की साजिश है। 26 नवंबरको लखनऊ में पंचायत है। प्रत्येक राज्य के किसान अपनी राजधानी में प्रदर्शन करेंगे जो सरकार संविधान,कचहरी व चुनाव आयोग को नहीं मानती उन्हीं के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन होते हैं। सड़कों के किनारों की जमीन व्यापारी खरीदते हैं। यदि वे अपनी जमीन में दीवार खड़ी कर ले तो तीन फीट से ज्यादा खड़ी न करनी दे जाए।17 अक्टूबर में शामली में किसान क्रांति ट्रैक्टर यात्रा की घोषणा की।
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