UP Upchunav Result: ...तो इसलिए मीरापुर में जीत गई भाजपा, पढ़िए मिथलेश की जीत और सुम्बुल की हार के पांच-पांच कारण
मीरापुर में रालोद के मिथलेश पाल की जीत और सपा की सुम्बुल की हार कई कारणों से हुई। योगी आदित्यनाथ ने हिंदुत्व कार्ड खेला जबकि जयंत चौधरी ने जाट और किसानों को भावनात्मक अपील से साधा। हिंदू मतों का एकजुट होना और मुस्लिम वोटों में बिखराव निर्णायक साबित हुए। सपा का कमजोर चुनाव प्रबंधन अखिलेश यादव की निष्क्रियता और सुम्बुल का अज्ञात होना सपा की हार के प्रमुख कारण रहे।
संजीव तोमर, मुजफ्फरनगर। मीरापुर उप चुनाव में रालाेद प्रत्याशी को उम्मीद को अधिक मत मिले हैं। वैसे तो इसकी कई वजह हैं, लेकिन जिस प्रकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी रैली में हुंकार भरी और सपा प्रत्याशी के ससुर कादिर राना को दंगों का आरोपित बताया, इससे हिंदू वोटरों में बड़ा संदेश गया। वहीं रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह का नाम लेकर बूथों पर जाकर मतदान करने की भावनात्मक अपील की। इससे नाराज जाट समाज एकजुट हो गया।
भाजपा नेता मिथलेश पाल को रालोद से टिकट मिलने पर शुरूआत में रालोद के वोटर में नाराजगी रही। इसे लेकर जगह-जगह सभाएं हुई। एक बार ऐसा लग रहा था कि लोकसभा चुनाव की भांति हिंदू वोटर जातियों में बंट जाएगा। ऐसे में ऐन वक्त पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने माेर्चा संभाला। दोनों नेताओं की मोरना में जनसभा हुई, जिसमें मुख्यमंत्री हिंदुत्व को धार दी, जबकि जयन्त ने भावनात्मक अपील की।
सीएम योगी ने खेला हिदुत्व कार्ड
मुख्यमंत्री ने बंटेंगे तो कटेंगे और वर्ष 2013 में हुए साम्प्रदायिक दंगों का जिक्र कर हिदुत्व कार्ड खेला। इसके अलावा तीर्थनगरी शुकतीर्थ के विकास से लेकर मोरना शुगर मिल के विस्तारीकरण की बात कर संतों और किसानों को साधने का कार्य किया। साथ ही सपा और कांग्रेस पर तीखे सियासी प्रहार किए।
रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने रोड शो में किसानों को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी। नाराज चल रहे जाट समाज के लोगों से भावनात्मक अपील करते भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का नाम लेकर मुस्कुराते हुए बूथ पर जाकर मतदान करने की अपील की। गुर्जर को साधने के लिए कहा, सांसद बना दिया अब विधायक भी बना दो। इसके बाद क्षेत्र में विकास कार्य सरपट दौड़ेंगे। इसके साथ ही डा. भीमराव आंबेड़कर की तस्वीर को अपने श्यनकक्ष में लगवाने की बात कर अनुसूचित जाति के वोटरों को लुभाने का प्रयास किया।
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- मुख्यमंत्री और रालोद अध्यक्ष की संदेशात्मक अपील
- हिन्दू मतों का एकजुट होना और मुस्लिम मतों में बिखराव।
- आसपा और बसपा प्रत्याशी को उम्मीद से अधिक मत मिलना।
- पुलिस की सख्ती के चलते मुस्लिम बूथों पर कम मतदान होना।
- कार्तिक गंगा स्नान के चलते मतदान तिथि का बदलना।
सुम्बुल की हार के पांच कारण
- सपा पदाधिकारी समेत जिम्मेदार ठीक से चुनाव प्रबंधन नहीं कर पाए।
- सपा अध्यक्ष का सभा में न पहुंचना और रोड शो में देरी से आना।
- मुस्लिम में बिखराव और हिंदू जातियों का मत नहीं मिलना।
- भाजपा और रालोद के सियासी हमलों पर मौन रहना।
- हेलीकाप्टर प्रत्याशी होना, चुनाव से पहले वोटर प्रत्याशी का नाम भी नहीं जानते थे।