Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

वट ही करेगा जीवन को जीवट

लोकेश चौहान नोएडा देश का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद जिसका वैज्ञानिक नाम फाइकस बेंगालेंसिस है वह पौराणिक मान्यताओं से जुड़ा होने के साथ रोगों से बचाने में भी काफी काम आता है। सर्वाधिक अवधि तक जीवित रहने वाले वृक्ष के रूप में बरगद को जाना जाता है। औषधीय गुणों के साथ बरगद पर्यावरण के लिए भी काफी लाभदायक है।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 04 Jun 2021 08:11 PM (IST)
Hero Image
वट ही करेगा जीवन को जीवट

लोकेश चौहान, नोएडा : देश का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद, जिसका वैज्ञानिक नाम फाइकस बेंगालेंसिस है, वह पौराणिक मान्यताओं से जुड़ा होने के साथ रोगों से बचाने में भी काफी काम आता है। सर्वाधिक अवधि तक जीवित रहने वाले वृक्ष के रूप में बरगद को जाना जाता है। औषधीय गुणों के साथ बरगद पर्यावरण के लिए भी काफी लाभदायक है। वैसे तो हर पेड़ का अपना एक अलग महत्व है, लेकिन यह पेड़ कुछ अलग ही है। सूखा और पतझड़ आने पर भी यह हरा-भरा रहता है और सदैव बढ़ता रहता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अपने औषधीय गुणों के कारण बरगद कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने में कारगर है। यही कारण है कि वर्षों से इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में होता है। बरगद के विभिन्न हिस्सों से एक-दो नहीं, बल्कि दर्जनों रोगों को खत्म किया जा सकता है। 10 जून को वट सावित्री व्रत है। इस दिन स्वजन की दीर्घायु के लिए महिलाएं बरगद का पूजन करती हैं। अंदरुनी व बाहरी रोगों में कारगर : महर्षि वेद विज्ञान विश्व विद्यापीठम के सचिव वैद्य अच्युत त्रिपाठी के मुताबिक बरगद की छाल, कोपल, मुलायम जड़, छोटे फल व पत्ते सहित अन्य हिस्से भी कई रोगों के निदान में प्रयोग होते हैं। शरीर के अंदरुनी रोगों को खत्म करने के साथ बाहरी रोगों में भी ये कारगर है। बॉक्स..

बरगद के पेड़ के फायदे

-दांत और मसूड़ों को रखे स्वस्थ

-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार

-बवासीर में दिलाए राहत

-डायबिटीज को दूर करने में मददगार

-डिप्रेशन में सहायक

-डायरिया में लाभदायक

-बांझपन और नपुंसकता में लाभदायक

-जोड़ों के दर्द में मददगार

-यूरिनेशन को करे नियंत्रित

-फोड़े व फुंसी की समस्या को करे दूर

-कोलेस्ट्राल को करे नियंत्रित

-खुजली की समस्या को करे दूर

-त्वचा के लिए लाभकारी

-बालों के लिए उपयोगी

वर्जन..

वट सावित्री व्रत के दिन घर के समीप ग्रीन बेल्ट में बरगद का पौधा लगाउंगी, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अलावा यह पौधा आक्सीजन भी देता है। इसलिए आक्सीजन की व्यवस्था सिलेंडर से नहीं, बल्कि कुदरत से करें।

-जॉली श्रीवास्तव मैं पिछले कई वर्षों से वट सावित्री व्रत अपने अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु के लिए रखती आ रही हूं। इस बार सोसायटी की महिलाओं ने मिलकर इस दिन बरगद का पौधा लगाने का निर्णय लिया है।

-नीता वर्मा

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर