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पालीथिन का विकल्प बनेगा बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक

धरती की उर्वरा शक्ति को बर्बाद करने वाले सिगल यूज प्लास्टिक को समाप्त करने के लिए बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का लगेगा प्लांट।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 16 Apr 2022 03:40 PM (IST)
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पालीथिन का विकल्प बनेगा बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक

कुंदन तिवारी, नोएडा :

धरती की उर्वरा शक्ति को बर्बाद करने वाले सिगल यूज प्लास्टिक को समाप्त करने की दिशा में काम शुरू हो चुका है। ऐसे में इजराइल तकनीकी के साथ देशभर में 150 बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक प्लांट लगाए जाएंगे। जो फूड ग्रेड नान प्लास्टिक एडहेसिव से तैयार होगा। इसके इस्तेमाल से लोगों के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ये प्लास्टिक तीन माह बाद खुद की समाप्त हो जाएगा।

बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक देखने में सामान्य पालीथिन की तरह 30 से 70 माइक्रोन का पैकिग मैटेरियल होगा, जो 30 प्रतिशत महंगा होगा। इसमें 20 किलोग्राम तक का वजन उठाने की क्षमता होगी। ग्रीन फ्यूल, बायो एनर्जी, कंप्रेस्ड बायो गैस के क्षेत्र में काम करने वाली नोएडा स्थित नेक्सजेन एनर्जिया इजराइल तकनीकी से इसके तीन प्लांट नोएडा-ग्रेटर नोएडा में संचालित करेगा। प्रत्येक की क्षमता 150 मीट्रिक टन की होगी, प्लांट का संचालन तीन माह में शुरू हो जाएगा।

नेक्सजेन एनर्जिया के सीएमडी डा. पीयूष कुमार द्विवेदी ने बताया कि देश में अभी 25 हजार मीट्रिक टन सिगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह सौ साल से अधिक समय तक खत्म नहीं होता है। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति खत्म हो जाती है, जिससे निजात दिलाने के लिए कंपनी ने कदम बढ़ाया है, जो प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन को बल देगा। सिगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल अमेरिका, यूएई, दक्षिण अफ्रीका बंद चुका है। नोएडा में दो और एक ग्रेटर नोएडा औद्योगिक क्षेत्र में प्लांट का संचालन किया जाएगा। प्रत्येक प्लांट 5000 वर्ग मीटर मीटर की औद्योगिक इकाई में तैयार होगा। इसकी लागत करीब 10 करोड़ रुपये आएगी।

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