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प्लास्टिक पर्यावरण के साथ गोवंश के लिए अभिशाप

प्लास्टिक का कचरा पर्यावरण के साथ मवेशियों के लिए अभिशाप बन गया है। फेंकी गई पॉलीथीन जमीन को बंजर बनाने के साथ गोवंश को बीमार कर रही है। गोशाला लाई जाने वाली ज्यादातर गाय पॉलीथीन खाने से बीमार हैं। गाय खाना पीना छोड़ देती है और उनकी मौत हो जाती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 May 2019 05:33 PM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 05:33 PM (IST)
प्लास्टिक पर्यावरण के साथ गोवंश के लिए अभिशाप

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: प्लास्टिक का कचरा पर्यावरण के साथ मवेशियों के लिए अभिशाप बन गया है। फेंकी गई पॉलीथीन जमीन को बंजर बनाने के साथ गोवंश को बीमार कर रही है। गोशाला लाई जाने वाली ज्यादातर गाय पॉलीथीन खाने से बीमार हैं। गाय खाना पीना छोड़ देती है और उनकी मौत हो जाती है। जांच में गायों के पेट में पॉलीथीन पाए जाने के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं। बच्चों के डाइपर भी गोवंश के लिए बने अभिशाप

बच्चों के डाइपर भी गोवंश के लिए अभिशाप बन गए है। महिलाएं बच्चों को डाइपर का इस्तेमाल कराने के बाद यू ही फेंक देती है। चिकित्सकों के मुताबिक डाइपर में जमा यूरीन उसमें मौजूद केमिकल की वजह से जैल में परिवर्तित हो जाता है। जिसे बेसहारा पशु निगल जाते है। पॉलीथिन के प्रयोग पर नहीं लग सकी लगाम

प्लास्टिक की थैलियां का प्रयोग नुकसान दायक है। यह जानते हुए भी धड़ल्ले से इनका इस्तेमाल हो रहा है। मई 2018 को प्रदेश सरकार ने पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगा दिया, बावजूद इसके जिले में पॉलिथीन का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है। प्लास्टिक बैग से घट रही गायों की उम्र

घर का बचा हुआ खाना और खाद्य पदार्थ पॉलिथीन में बांध कर कूड़ेदान में फेंक देते है और भोजन खोजने वाली गाएं उसे प्लास्टिक के साथ खा लेती हैं। धीरे-धीरे उनके पेट में प्लास्टिक कचरा एकत्र हो जाता है। चिकित्सकों के मुताबिक मरने के बाद कुछ गायों के पेट से 50 से 75 किलो ग्राम प्लास्टिक कचरा पाया गया है। - कूड़ेदान में भोजन की तलाश में वाले गोवंश खाद्य पदार्थ के साथ प्लास्टिक बैग खा जाती हैं। धीरे धीरे उनके पेट में प्लास्टिक कचरा जमा होता जाता है। उनका पाचन तंत्र बिगड़ने लगता है। गायों को कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियां हो जाती है और समय से पहले उनकी मौत हो जाती है।

डा. बिजेंद्र त्यागी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

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