नोएडा में 80 हजार फ्लैट खरीदारों के दो हजार करोड़ रुपये डकार गए 13 बिल्डर, अब ED खंगालेगी कुंडली
Noida News प्रवर्तन निदेशालय इन बिल्डरों पर शिकंजा कसकर यह राशि कहां और किसके पास गई इसका पता लगाएगा। इन्हीं 13 बिल्डरों व उनकी सहयोगी कंपनियों को 10 प्रतिशत राशि लेकर नोएडा प्राधिकरण ने आवंटित ग्रुप हाउसिंग व वाणिज्यिक भूखंड किए हैं। बिल्डरों ने वर्ष 2007 से 2011 के बीच नोएडा प्राधिकरण से भूखंड आवंटन करा कर पूरा खेल किया।
कुंदन तिवारी, नोएडा। एक घर हो अपना का सपना संजोने वाले 80 हजार फ्लैट खरीदारों के साथ नोएडा के 13 बिल्डरों व उनकी सहयोगी कंपनियों ने खेल कर दिया। फ्लैट देने के नाम पर खरीदारों से लिए करीब दो हजार करोड़ से अधिक रुपये डकार लिए।
अब इन बिल्डरों पर प्रवर्तन निदेशालय शिकंजा कस यह पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि बिल्डरों ने इतनी बड़ी राशि किन परियोजनाओं या अन्य कंपनियों में ट्रांसफर कर ली। वर्तमान में यह राशि कहां और किसके पास है।
बता दें कि ये वहीं 13 बिल्डर हैं, जिन्होंने फ्लैट खरीदारों को ठगने के बाद खुद को बचाने के लिए दिवालिया प्रक्रिया में शामिल होने की जुगत लगा रहे हैं, कुछ सफल भी हो चुके हैं।
25 लाख रुपये पर खरीदारों से ली बुकिंग
सूत्रों का कहना है कि इन्हीं 13 बिल्डरों ने वर्ष 2007 से 2011 के बीच नोएडा प्राधिकरण से भूखंड आवंटन करा कर पूरा खेल किया।
एक-एक फ्लैट करीब 25 लाख रुपये की कीमत पर खरीदारों से बुकिंग ली, लेकिन आज तक तमाम खरीदारों को उनका आशियाना नहीं दिया, जबकि वर्ष 2011 में पहली बार भूखंड आवंटन में दो लाख करोड़ रुपये का घोटाला होने की आशंका जता नोएडा आयकर भवन में शिकायत हुई थी, जिस पर संज्ञान भी लिया गया।
जांच से खुलेगी अधिकारियों से सांठगांठ
जांच शुरू होते ही बिल्डरों ने विभाग के शीर्ष अधिकारियों से सांठगांठ कर चार आयकर अधिकारियों को रिश्वत में फंसा निलंबित करवा दिया। इससे जांच ठंडे बस्ते में चली गई। वर्ष 2016 में एक बार फिर से इन्हीं 13 बिल्डरों पर कार्रवाई को लेकर दिल्ली आयकर विभाग की ओर से फाइल नोएडा भेजी गई।
वहीं, कुछ बिल्डरों पर कार्रवाई कर इतिश्रि कर ली गई, जबकि बिल्डरों ने फ्लैट खरीदारों को पैसा बड़े पैमाने पर अन्य परियोजनाओं व कंपनियों में ट्रांसफर किया और रकम देश के बाहर भी भेज दी। इसकी पुष्टि भी हुई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
फ्लैट खरीदारों ने भी खोला मोर्चा
आम्रपाली समूह व थ्री सी समूह के खिलाफ फ्लैट खरीदारों ने मोर्चा भी खोला, लेकिन आम्रपाली पर शीर्ष अदालत के माध्यम से कार्रवाई हुई, अब फ्लैट खरीदारों का मामला सुलझता भी दिख रहा है, लेकिन थ्री सी बिल्डर के निदेशकों को दिल्ली आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया और बाद में छोड़ दिया।
अब हाई कोर्ट ने कुछ दिन पहले ईडी को कार्रवाई करने का आदेश दिया, तब ईडी ने बिल्डर से संबंधित जानकारी नोएडा प्राधिकरण से ली। अब लखनऊ में बैठे ईडी के अधिकारियों की ओर से 21 जून को नोएडा प्राधिकरण काे पत्र जारी कर एटीएस समेत उनकी सहयोगी 63 कंपनियों की छह बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। जिसके बाद इन 13 बिल्डरों की फिर से कुंडली खंगाली जाएगी।