नोएडा में बनी सिरप से जुड़ा उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत मामला, एक्शन में विभाग, जांच के लिए लिया नमूना
उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत का मामला नोएडा में बनी खांसी की दवाई से जुड़ गया है। इसके बाद नोएडा स्थित दवा निर्माता के खिलाफ जांच शुरू की गई है। इस सैंपल को सेंट्रल ड्रग्स रेग्युलेट्री को भेज दिया गया है। वहां से इनको लैब भेजा गया है।
By MOHD BilalEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Thu, 29 Dec 2022 11:26 AM (IST)
नोएडा, जागरण संवाददाता। भारतीय फार्मास्यूटिकल फर्म की कफ सीरप के सेवन से उज्बेकिस्तान के 18 बच्चों की मौत के मामले के बाद जिला औषधि विभाग सक्रिय हुआ है। केंद्रीय औषधि विभाग की टीम ने जिला औषधि विभाग के साथ मिलकर सेक्टर-67 स्थित भारतीय दवा फर्म मैरियन बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित डाक 1-मैक्स कफ सिरप का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया है।
औषधि विभाग की टीम ने लिए नमूने
औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने बताया कि 27 दिसंबर को केंद्रीय टीम के साथ मेरठ मंडल के खाद एवं औषधि निरीक्षक के साथ संयुक्त कार्रवाई में संबंधित दवा का नमूना लिया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के अधिकारी, मेरठ मंडल के खाद्य एवं औषधि निरीक्षक के संयुक्त निदेशक के साथ जिला औषधि विभाग की टीम ने संबंधित दवा कंपनी पहुंचकर नमूने लेने का काम किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक करेंगे कार्रवाई
उज्बेकिस्तान में सिरप से होने वाली मौतों पर मैरियन बायोटेक फार्मा कंपनी के कानूनी प्रमुख हसन रजा ने कहा, "मौतों पर हमें खेद है, सरकार जांच करा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक हम कार्रवाई करेंगे। नमूने एकत्र किए गए। उस उत्पाद का निर्माण फिलहाल रोक दिया गया है और अन्य प्रक्रियाएं चल रही हैं।"अधिकारी ने किया कंपनी का निरीक्षण
चार टीमों के संयुक्त अधिकारी ने कंपनी का निरीक्षण किया। जिस दवा को बाहर आपूर्ति की गई है। उस दवा का नमूना लिया गया है। इस सैंपल को सेंट्रल ड्रग्स रेग्युलेट्री को भेज दिया गया है। वहां से इनको लैब भेजा गया है। वहां से रिपोर्ट आने का इंतजार है।
रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच जारी है। दवा मई 2021 की बनी हुई है। जिसकी एक्सपाइरी डेट वर्ष-2024 के अप्रैल तक है। जांच में सामने आया है कि कंपनी को बाहर दवा आपूर्ति करने की अनुमित प्राप्त है। यह अनुमित केंद्र सरकार से प्राप्त है।
इस दवा की देश में सप्लाई नहीं है। इसे एक्सपोर्ट किया गया था। इसका एक स्लाट मई 2021 में उज्बेकिस्तान भेजा गया था। इस मामले में सेंट्रल ड्रग्स रेग्युलेट्री टीम से जांच के लिए कहा गया था। उज्बेकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओवरडोज (अत्याधिक मात्रा में दवा का सेवन) और बिना प्रिस्क्रिप्शन (बिना डाक्टर की सलाह) दवा का सेवन करने के कारण बच्चों की मौत हुई है।
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