नौकरी के नाम पर विदेश गए नोएडा के 235 युवा फंसे, जबरन काम कराने के बदले हो रहा शोषण
पहले ठग विदेश भेजने के नाम पर नौकरी निकालते हैं। फिर एक्स नामक कंपनी के नाम पर वर्क वीजा दिलवा देते हैं जिस पर युवाओं को कंबोडिया वियतनाम और थाइलैंड भेजा जाता है। लेकिन वहां पहुंचने पर एक्स नाम की कोई कंपनी नहीं होती है। फिर इस कंपनी के बजाय वाई कंपनी में काम करने का ऑफर दिया जाता है।
जागरण संवाददाता, नोएडा। रोजगार दिलाने के नाम पर कंबोडिया, थाइलैंड और वियतनाम भेजे जाने वाले युवा साइबर सेलेवरी (गुलामी) के शिकार हो रहे हैं। वर्क परमिट पर विदेश भेजे जाने वाले इन युवाओं से न सिर्फ कॉल सेंटर पर जबरन काम कराया जा रहा, बल्कि इन्हें ठगी को अंजाम देने के लिए भी मजबूर किया जा रहा है।
मार्च में गिरफ्तार साइबर ठगों और गृह मंत्रालय से मिले इनपुट के आधार पर अब तीनों देशों में भेजे जाने वाले युवाओं का सत्यापन कराया जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर में ऐसे 235 युवा हैं, जो इन देशों में भेजे गए हैं। नोएडा, एनसीआर समेत देश में चलने वाले फर्जी कॉल सेंटर विदेश में भी संचालित हो रहे हैं।
बकायदा भारतीय सिम के माध्यम से देश के कोने-कोने तक साइबर ठग अपनी पहुंच बना रहे हैं। इन नंबरों से कॉल कर डिजिटल अरेस्ट, साइबर ठगी जैसे अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है।
युवाओं को बनाया जा रहा निशाना
सूत्रों की मानें तो देश से विदेश में काम करने जाने वाले युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है। पहले ठग विदेश भेजने के नाम पर नौकरी निकालते हैं। फिर एक्स नामक कंपनी के नाम पर वर्क वीजा दिलवा देते हैं, जिस पर युवाओं को कंबोडिया, वियतनाम और थाइलैंड भेजा जाता है। लेकिन वहां पहुंचने पर एक्स नाम की कोई कंपनी नहीं होती है। फिर इस कंपनी के बजाय वाई कंपनी में काम करने का ऑफर दिया जाता है।
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