अकेले लिफ्ट में फंसी मासूम बच्ची, 20 मिनट तक अटकी रही सांसें; मदद के लिए बजाती रही अलार्म
Noida News एक सात साल की बच्ची लिफ्ट अटकने से लिफ्ट में फंस गई। इस दौरान बच्ची अलार्म बजाकर चिल्लाती रही लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली। करीब 20 मिनट तक बच्ची लिफ्ट के अंदर ही फंसी रही। इतनी देर तक लिफ्ट में फंसे रहने पर बच्ची सहम गई थी। पीड़ित परिजनों ने पुलिस से मामले की शिकायत की है। जानिए पूरा मामला क्या है?
जागरण संवाददाता, नोएडा। सेक्टर-79 स्थित एलीट गोल्फ ग्रीन सोसायटी में गुरुवार शाम अचानक लिफ्ट रुकने से सात वर्ष की बच्ची अकेले लिफ्ट में फंस गई। वह कई मिनट तक अलार्म बजाती रही, लेकिन कोई सपोर्टिंग स्टाफ नहीं पहुंचा।
20 मिनट तक नहीं मिली मदद
वहीं, लिफ्ट के बाहर खड़े सुरक्षाकर्मी व लोग बच्ची को ढांढस देते रहे। जब काफी देर तक लिफ्ट नहीं खुली तो बच्ची मायूस होकर रोने लगी। बच्ची इतनी सहम गई कि उसकी सांस घुटने लगी। उसने बैग में रखी बोतल से चेहरे पर पानी डाला।
15वें फ्लोर पर रहता है परिवार
बताया कि लगभग 20 मिनट बाद सोसायटी की मेंटीनेंस टीम का तकनीकी स्टाफ पहुंचा। तब बच्ची को बाहर निकला गया। बच्ची के पिता पुनीत पाठक ने बताया कि उनका फ्लैट 15वें फ्लोर पर है। दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली उनकी बच्ची कोचिंग से लौट रही थी। तभी नौंवें फ्लोर पर लिफ्ट अटक गई।
पूरी तरह डर गई थी बच्ची
पिता के अनुसार, जब लिफ्ट अटकी तब बच्ची अकेली थी। अचानक झटका लगा तो वह डर गई। उसने तुरंत अलार्म बजाया। इसके लिए उन्होंने बच्ची को पहले से बता रखा है। इमरजेंसी अलार्म बचाने पर सुरक्षा कार्ड पहुंच गए। कुछ लोग भी जमा हो गए, लेकिन मेंटीनेंस का तकनीकी स्टाफ नहीं पहुंचा। वह शाम छह बजकर 45 मिनट से सात बजकर पांच मिनट तक लिफ्ट में ही फंसी रही।
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बाहर से लोग उसको समझाते रहे कि अभी लिफ्ट खुलने वाली है। बाहर आने के बाद बेटी को सामान्य होने में कई घंटे लग गए। सोने तक वह परेशान रही। जब उन्होंने घटना के सीसीटीवी फुटेज देखे तो वह भी डर गए। उन्होंने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वीडियो पोस्ट कर पुलिस-प्रशासन से मामले में कार्रवाई की मांग की है।
मेंटीनेंस एजेंसी खिलाफ कराएंगे एफआइआर
एक आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर पुनीत पाठक ने बताया कि सोसायटी में लिफ्ट अटकने की घटनाएं आम हो गई हैं। आए दिन लिफ्ट फंस जाती है। उससे भी चिंता की बात है कि मेंटीनेंस एजेंसी का लापरवाह रवैया है। लिफ्ट फंसने के बाद भी तुरंत सक्रिय नहीं होते हैं। ऐसे में कभी भी कोई बड़ी घटना हो। इससे पहले व्यवस्था दुरुस्त करना जरूरी है। वह मेंटीनेंस एजेंसी और बिल्डर के खिलाफ रिपोर्ट देने जा रहे है। 100 नंबर पर पहले ही पुलिस को सूचना दे चुके हैं।
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