नोएडा वालों के लिए अच्छी खबर, अब जाम और हादसों से मिलेगी निजात; एक हजार क्षमता वाली बनेगी गोशाला
Noida News नोएडा वालों के लिए एक खास खबर है। नोएडा शहर में एक क्षमता वाली गोशाला बनने जा रही है। इससे शहर के लोगों को हादसों और जाम से निजात मिलेगी। फिलहाल नोएडा में गोवंश एक बड़ी समस्या बनी हुई है। आए दिन बेसहारा गोवंशियों की वजह से हादसे होते रहते हैं। आगे विस्तार से पूरी रिपोर्ट पढ़िए ।
अवनीश मिश्र, नोएडा। नोएडा प्राधिकरण सेक्टर-162 में एक हजार क्षमता वाली गोशाला बनाने जा रही है। गोशाला में उत्पन्न होने वाले गोबर व गोमूत्र से उत्पाद तैयार किए जाएंगे। उसकी बिक्री से मिलने वाले धन का उपयोग गोशाला के रखरखाव में किया जाएगा। इससे सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा गोवंशियों की वजह से होने वाले हादसों और जाम से से भी निजात मिलने की संभावना बनेगी।
झुंड के झुंड घूमते हैं गोवंशी
नोएडा की सड़कों पर जगह-जगह झुंड के झुंड गोवंशी घूमते रहते हैं। तिराहों-चौराहों पर बैठे रहते हैं। तमाम ऐसे लोग भी हैं, जो बेसहारा गोवंशियों को सड़क के किनारे या तिराहे-चौराहे पर ही रोटी आदि खाद्यान्न डाल देते हैं। ऐसे स्थानों पर भी गोवंशी झुंड में घूमते या बैठे रहते हैं। इन स्थानों पर वाहनों की रफ्तार कम होती है। जाम लगता है। वाहन चालकों का समय व ईंधन बर्बाद होता है। वायु प्रदूषित होती है। छोटे-बड़े हादसे होते हैं।
इस समस्या को दूर करने के लिए नोएडा प्राधिकरण सेक्टर-162 में एक हजार क्षमता की गोशाला बनाने जा रहा है। यहां पर गोवंशियों की देखरेख की जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण उठाएगा। बीमार गोवंशियों के उपचार की भी व्यवस्था रहेगी।
गोवंशियों की संख्या को देखते हुए लिया गया निर्णय
नोएडा में वर्तमान में दो गोशालाएं हैं। सेक्टर 135 की गोशाला में 841 गोवंशी और सेक्टर 14 गोशाला में 790 गोवंशी हैं। इनमें क्षमता से ज्यादा गोवंशी हैं। उनका रखरखाव अलग-अलग संस्थाओं की ओर से किया जा रहा है। गोवंशियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस नई गोशाला को बनाने का निर्णय लिया गया है। इसमें सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा गोवंशियों व इन दोनों गोशालाओं के अतिरिक्त गोवंशियों को संरक्षित किया जाएगा। बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव पास हो गया है। छह माह में इसका संचालन शुरू हो जाएगा।
सड़कों पर खाना खिलाने का चलन बंद होगा
सेक्टर-162 में बनने वाले गोशाला को मॉडल रूप दिया जाएगा। गोवंशियों के गोबर व गोमूत्र से तमाम उत्पाद जैसे फिनायल, उपले, घी, दीये आदि बनाए जाएंगे। इन उत्पादों की बिक्री से मिलने वाली धनराशि रखरखाव पर खर्च की जाएगी। इसके संचालन के लिए स्वयंसेवी संस्था के साथ अनुबंध किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- नोएडा में कार खड़ी करने की समस्या होगी खत्म! तीन जगहों पर बनेगी पजल पार्किंग
सीईओ डा. लोकेश एम ने बताया कि गोशाला सुंदर बनाने का प्रयास किया जाएगा। तमाम लोग रोजाना गोवंशों को छूना शुभ मानते हैं। वह यहां आ सकेंगे। उनको खाना खिला सकेंगे। इससे सड़कों पर गोवंशियों को खाना खिलाने का चलन बंद होगा। इस गोशाला से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा, ताकि इसे जनसहभागिता से बहुत अच्छी तरीके से संचालित किया जा सके।
यह भी पढ़ें- YEIDA Plot Scheme 2024: एयरपोर्ट के पास सस्ता प्लॉट खरीदने का सुनहरा मौका, अगले महीने मिलने जा रही खुशखबरी