'तारीख पर तारीख नहीं, इंसाफ चाहिए...', ग्रेटर नोएडा में बिल्डर और रेरा के बीच चक्करघिन्नी बना सेना का जवान
मूलरूप से आजमगढ़ के रहने वाले प्रवीण कुमार राय ने बताया कि वह एयरफोर्स में सार्जेंट के पद पर कार्यरत है। फ्लैट बुकिंग के दौरान बिल्डर ने तीन साल में परियोजना का निर्माण कार्य पूरा कर फ्लैट पर कब्जा देने का वादा किया था लेकिन तय समय में कब्जा नहीं मिला। थक हारकर पीड़ित ने वर्ष 2020 में यूपी रेरा का दरवाजा खटखटाया।
By Ajab SinghEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 09 Oct 2023 03:39 PM (IST)
अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा। पिछले नौ साल से धक्के खा रहा हूं। आदेश की कॉपी लेने आया था, लेकिन फिर से मामले में सुनवाई को तारीख लगा दी। सेना में जवान हूं। इतना समय नहीं की रोज धक्के खाता रहूं। तारीख नहीं इंसाफ चाहिए।
आजमगढ़ के रहने वाले प्रवीण कुमार राय ने जब उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण(यूपी रेरा ) अधिकारियों व कर्मचारियों के सामने तर्क-वितर्क किया तो अधिकारी बगले झांकने लगे।
हो चुका है फ्लैट की कीमत का 40 प्रतिशत भुगतान
मूलरूप से आजमगढ़ के रहने वाले प्रवीण कुमार राय ने बताया कि वह एयरफोर्स में सार्जेंट के पद पर कार्यरत है। उन्होंने वर्ष 2014 में सेक्टर 10 स्थित स्काईटेक कलर्स एवेन्यू बिल्डर परियोजना में फ्लैट खरीदा था, बिल्डर को फ्लैट की कीमत का 40 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है।
फ्लैट बुकिंग के दौरान बिल्डर ने तीन साल में परियोजना का निर्माण कार्य पूरा कर फ्लैट पर कब्जा देने का वादा किया था, लेकिन तय समय में कब्जा नहीं मिला। थक हारकर पीड़ित ने वर्ष 2020 में यूपी रेरा का दरवाजा खटखटाया। पीठ दो में करीब दो साल मामले की सुनवाई चली।
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