नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 30 नवंबर शुरू होगा विमानों का ट्रायल, DGCA से मिल सकती है अनुमति
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे पर 30 नवंबर को होने वाले ट्रायल रन के लिए डीजीसीए से आज अनुमति मिलने की उम्मीद है। एयरपोर्ट पर कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देने के लिए आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। यदि ट्रायल रन समय पर होता है तो एयरपोर्ट पर अगले वर्ष 17 अप्रैल से व्यावसायिक विमानों की उड़ानें शुरू हो जाएंगी।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए, DGCA) से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) के रनवे पर 30 नवंबर को होने वाले ट्रायल रन के लिए सोमवार को अनुमति मिलने का अनुमान है। एयरपोर्ट बनवा रही कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ( YIAL) ने अनापत्ति पत्र के लिए 25 नवंबर का दिन निर्धारित किया है।
नोएडा एयरपोर्ट पर कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देने के लिए कैट-एक और कैट-3, इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) आदि उपकरण स्थापित किए जा चुके हैं। जिसकी एयरक्राफ्ट बीच किंग एयर 360 ईआर के जरिए 10 से 14 अक्तूबर तक जांच की जा चुकी है। अब 30 नवंबर को कमर्शियल विमानों का ट्रायल होना है।
17 अप्रैल से शुरू हो जाएंगी उड़ानें
इसके लिए डीजीसीए की अनुमति जरूरी होगी। इसके लिए 25 नवंबर की तिथि निर्धारित हैं, कंपनी ने आवेदन कर दिया है। यदि ट्रायल रन समय पर होगा तो एयरपोर्ट पर अगले वर्ष 17 अप्रैल से व्यावसायिक विमानों की उड़ानें शुरू हो जाएंगी।तीस नवंबर को कमर्शियल फ्लाइट का होगा ट्रायल
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे, लैंडिंग सिस्टम व कैलिब्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। डीजीसीए ने इसके लिए प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो गया है। केवल एयरोड्रोम लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी होना शेष है। तीन प्रमाण पत्र मिलने के बाद डीजीसीए ने कमर्शियल फ्लाइट ट्रायल को एयरोड्रोम लाइसेंस के आवेदन के लिए पर्याप्त बताया है।
तीस नवंबर को कमर्शियल फ्लाइट ट्रायल किया जाएगा। इसके लिए डीजीसीए (DGCA) से 25 नवंबर तक स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। कमर्शियल फ्लाइट के सफल ट्रायल के बाद विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा. लि. की ओर से एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा।
एविएशन उद्योग के लिए तैयार हो रही नीति
जेवर (Jewar Airport) में नोएडा एयरपोर्ट के अलावा एयरक्राफ्ट की मेंटेनेंस, रिपेयर व ओवरहालिंग का भी बड़ा केंद्र बनाया जाएगा। इसमें विमानों की मरम्मत के अलावा उसके कलपुर्जे बनाने के लिए उद्योग भी स्थापित होंगे। प्रदेश सरकार ने एविएशन उद्योग के लिए नीति तैयार करने पर मंथन शुरू कर दिया है। इसके तहत एफडीआई की तर्ज पर प्रदेश सरकार की ओर से भूमि पर मिलने वाली सब्सिडी व अन्य सुविधाएं एविएशन उद्योग के लिए भी मान्य की जा सकती हैं।
नीति तैयार होने के बाद ही नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. एविएशन उद्योग के लिए भूखंड योजना निकालेगी। इसके साथ ही एमआरओ के लिए विकासकर्ता चयन की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी। जिला प्रशासन ने एमआरओ के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की है। 93 प्रतिशत से अधिक किसानों को मुआवजा वितरण किया जा चुका है। नौ हजार परिवारों के पुनर्वास के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।
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