UP News: कस्तूरबा गांधी विद्यालयों का हाल, खराब 'माहौल' से खतरे में छात्राओं का भविष्य; कोई नहीं सुनता आपबीती
Greater Noida News ग्रेटर नोएडा में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में चल रहे खराब माहौल से सुविधाओं और छात्राओं की उपस्थिति पर असर पड़ रहा है। वर्तमान में जनपद के तीनों कस्तूरबा विद्यालय में 70 से 75 प्रतिशत ही उपस्थिति दर्ज हो रही है। बताया गया कि दादरी दनकौर और जेवर के कस्तूरबा विद्यालय में 250 सीटें हैं। पढ़िए आखिर तीनों विद्यालयों का कैसा हाल है?
अंकुर त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। प्रदेश सरकार कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कक्षा छह से लेकर आठवीं तक की छात्राओं के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया करा रही हैं, जिससे उनका शैक्षणिक से लेकर मानसिक विकास हो सके, लेकिन जनपद (Greater Noida) के कस्तूरबा विद्यालय में गुटबाजी के चलते माहौल खराब होता चला जा रहा है। जिसका सीधा असर छात्राओं की पढ़ाई पर पढ़ रहा है।
आवासीय विद्यालय होने के बाद भी तीनों कस्तूरबा गांधी विद्यालय में शत प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने में विभाग के पसीने छूट रहे हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने उपस्थिति कम होने पर हाल ही में चिंता जाहिर की थी। कस्तूरबा में दो से तीन बार उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाती है।डीसी बालिका विनय कुमार सिंह ने बताया कि दनकौर कस्तूरबा में 80 प्रतिशत, दादरी में 75 प्रतिशत और जेवर में करीब 70 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज हो रही है।
विद्यालय में गुटबाजी पड़ रही भारी
तीनों कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में गुटबाजी का शिकार छात्राओं को होना पड़ रहा है। विद्यालय का माहौल खराब होने के कारण छात्राएं जल्दी-जल्दी अपने घर चली जाती हैं। एक अभिभावक ने बताया कि सुविधाएं भले ही बच्चियों को मिल रही हैं, लेकिन आए दिन विद्यालय में शिक्षकों के बीच लड़ाई झगड़े होते रहते हैं। जिससे छात्राओं पर गलत असर पड़ रहा है।
निरीक्षण नहीं होने से खराब हो रही स्थिति
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में लगातार निरीक्षण नहीं होने के कारण स्थिति खराब हो रही है। यदि समय पर विद्यालय का निरीक्षण हो तो छात्राएं अपनी आपबीती भी उन्हें बता सकती हैं, जिससे समय रहते हो स्थितियों को संभाल जा सके।यह मिल रही सुविधाएं
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में छात्राओं को हाईटेक क्लासरूम में पढ़ाई करने का मौका मिल रहा। पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला आदि सभी सुविधाएं विकसित की गई है।
यह भी पढ़ें- कोलकाता दुष्कर्म और हत्या की घटना को लेकर देशभर में आक्रोश, आधी रात नोएडा की सड़कों पर निकली महिलाएंछात्राओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों की भी तैनाती रहती है। नई शिक्षा नीति के तहत इन स्कूलों में प्रैक्टिकल, समग्र, एकीकृत, वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित पढ़ाई कराई जाती है। पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरे से लैस रहता है।
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