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बीएसए साहब! 31 मार्च को साढ़े छह हजार छात्र हो जाएंगे 1200 रुपये से वंचित

जनपद में पिछले सत्र में करीब 10 हजार छात्र डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से मिलने वाले 1200 रुपये से वंचित रह गए थे। इस बार भी तस्वीर बदलती नहीं दिखाई दे रही है। वर्तमान सत्र खत्म होने में पांच दिन ही शेष बचे है। यदि इन पांच दिनों में उनके खातों में रुपये नहीं पहुंचे तो पिछले सत्र की तरह वंचित ही रहना पड़ेगा।

By Ankur Tripathi Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 27 Mar 2024 08:16 AM (IST)
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बीएसए साहब! 31 मार्च को साढ़े छह हजार छात्र हो जाएंगे 1200 रुपये से वंचित

अंकुर त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। सरकार भले ही हर मंच से बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में हुए बदलाव के बारे में प्रदेश की जनता को बता रही हो,लेकिन यह बदलाव जमीनी स्तर पर कम ही दिखाई दे रहे हैं।

जनपद में पिछले सत्र में करीब 10 हजार छात्र डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से मिलने वाले 1200 रुपये से वंचित रह गए थे। इस बार भी तस्वीर बदलती नहीं दिखाई दे रही है। वर्तमान सत्र में करीब साढ़े छह हजार छात्रों के अभिभावकों के खातों में स्वेटर, जूते, मोजे आदि सामग्री खरीदने के लिए 1200 रुपये नहीं पहुंचे है।

पांच दिन में भी 29 और 31 को है अवकाश

वर्तमान सत्र खत्म होने में पांच दिन ही शेष बचे है। यदि इन पांच दिनों में उनके खातों में रुपये नहीं पहुंचे तो पिछले सत्र की तरह वंचित ही रहना पड़ेगा। 29 और 31 को अवकाश होने के कारण तीन ही दिन शेष बचे है। विभाग की लापरवाही का खमियाजा छात्रों को ही भुगतन पड़ता है।

दादरी के अभिभावक रामकुमार ने बताया कि स्कूल वाले कहते हैं कि खाता सीडेड नहीं है। बैंक वाले कहते हैं कि उनका खाता सीडेड है। उसके बाद भी 1200 रुपये की धनराशि नहीं पहुंची है। सरकार की ओर से रुपये भेजे जा रहे है। उसके बाद भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

बिना ड्रेस काट लिया पूरा सत्र

परिषदीय स्कूलों के करीब साढ़े छह हजार छात्रों ने पूरा सत्र बिना ड्रेस के ही काट लिया। सरकार की ओर से दो ड्रेस खरीदने के साथ अन्य साम्रगी खरीदने के लिए 1200 रुपये भेजे जाते है,लेकिन हर साल कई हजार छात्र विभाग की लापरवाही की भेंट चढ़ जाते है।

शिक्षा माफियाओं की रीड़ तोड़ने के लिए सरकार की ओर से डीबीटी के माध्यम से छात्रों के अभिभावकों के खातों में रुपये भेजे जाते है,लेकिन उसके बाद भी योजना को विभाग गंभीरता से नहीं ले रहा है। गंभीरता से नहीं लिए जाने से गरीब छात्रों को काफी नुकसान हुआ है।

बैंक में खाता सीडेड नहीं होने के कारण रुपये नहीं पहुंच पाए थे। सभी छात्रों के बैच बन गए है। जल्द उनके अभिभावकों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 1200 रुपये पहुंच जाएंगे। - राहुल पंवार,बेसिक शिक्षा अधिकारी