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मायावती ने गौतमबुद्ध नगर के तीन बड़े नेताओं को पार्टी से किया निष्काषित, यहां देखें किस पर गिरी गाज

दादरी से दो बार विधायक रहे सतवीर गुर्जर पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन वीरेंद्र डाढ़ा व जेवर विधानसभा से बसपा के टिकट पर इसी बार चुनाव लड़े नरेंद्र भाटी डाढ़ा शामिल हैं। तीनों पर अनुशासनहीनता व पार्टी विरोधी गतिविधियां में शामिल होने का आरोप लगा है।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Fri, 22 Apr 2022 08:42 PM (IST)
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पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन वीरेंद्र डाढ़ा भी पार्टी से निकाले गए
ग्रेटर नोएडा [धर्मेंद्र चंदेल]। बसपा सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गौतमबुद्ध नगर के तीन बड़े नेताओं को पार्टी से निष्काषित कर दिया है। इनमें दादरी से दो बार विधायक रहे सतवीर गुर्जर, पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन वीरेंद्र डाढ़ा व जेवर विधानसभा से बसपा के टिकट पर इसी बार चुनाव लड़े नरेंद्र भाटी डाढ़ा शामिल हैं। तीनों पर अनुशासनहीनता व पार्टी विरोधी गतिविधियां में शामिल होने का आरोप लगा। सतवीर गुर्जर ने बसपा से ही राजनीति कैरियर शुरू किया था। दादरी से 2007 व 2012 में लगातार दो बार विधायक रहे। 2017 में वह भाजपा के तेजपाल नागर से चुनाव हार गए थे। बसपा सुप्रीमो मायावती का उन्हें बेहद करीबी माना जाता था।

पूर्व विधायक सतवीर गुर्जर व नरेंद्र डाढ़ा बसपा से निष्काषित

बताया जाता है कि उनके रिश्तेदार व बादलपुर निवासी पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन जयवती नागर, उनके पति गजराज नागर व अच्छेजा गांव निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामशरण नागर विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए। सतवीर गुर्जर के करीबी संजीव त्यागी भी बसपा छोड़कर सपा में चले गए। इससे बसपा हाईकमान सतवीर गुर्जर से नाराज हो गया। पार्टी का मानना था कि पूर्व विधायक अपने रिश्तेदारों और करीबी लोगों को सपा में शामिल होने से नहीं रोक सके, इसलिए उन्हें अब पार्टी से निष्काषित कर दिया गया है। सतवीर गुर्जर ने कहा कि वह बसपा के वफादार सिपाही की तरह हैं। हमेशा पार्टी के हित में काम किया है। शीघ्र बहन मायावती ने मिलकर पक्ष रखेंगे।

पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन वीरेंद्र डाढ़ा भी पार्टी से निकाले गए

पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन वीरेंद्र डाढ़ा व उनके छोटे भाई नरेंद्र भाटी डाढ़ा को भी पार्टी से निष्काषित कर दिया गया है। नरेंद्र भाटी जेवर विधान सभा से इसी बार चुनाव लड़े थे। वह तीसरे नंबर पर रहे थे। वीरेंद्र डाढ़ा को भी पार्टी ने 2019 के चुनाव में लोकसभा का प्रत्याशी बनाया था, लेकिन बाद में उनका टिकट काट दिया गया था। बताया जाता है कि नरेंद्र भाटी हार का ठीकरा पार्टी के पदाधिकारियों पर फोड़ रहे थे। इससे हाईकमान उनसे नाराज हो गया।

लखमी सिंह फिर से बने बसपा के जिलाध्यक्ष

वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कुछ दिन पहले पार्टी के जिला संगठन की सभी इकाईयों को भंग कर दिया था। नए सिरे से गठन किया जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी फिर से लखमी सिंह को सौंपी गई है। वह लगातार दूसरी बार जिलाध्यक्ष बने हैं। उनके साथ जिला कार्यकारिणी भी घोषित कर दी गई है। लखमी सिंह ने बताया कि पार्टी सुप्रीमों बहन मायावती के निर्देश पर मेरठ मंडल प्रभारी प्रदीप जाटव, पूर्व विधान परिषद सदस्य सतपाल पीपला, मनोज जाटव, विजय सिंह व अजीत पाल की संस्तुति पर अयूब मलिक को उपाध्यक्ष, मनवीर भाटी बिसरख को जिला महासचिव, बाबूलाल गौतम, ओमप्रकाश सिंह व मेघानंद को सचिव, प्रताप सिंह फौजी को जिला खजांची, सुभाष जाटव, जोगिंद्र सिंह, स्वदेश बर्मन व वीरपाल सिंह को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया है।

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