नोएडा में बुलडोजर एक्शन से मचा हड़कंप, प्राधिकरण ने भूमाफिया के कब्जे से खाली कराई 50 करोड़ की जमीन
नोएडा प्राधिकरण ने सलारपुर में 50 करोड़ रुपये की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया है। प्राधिकरण की टीम ने बृहस्पतिवार को कार्रवाई करते हुए बाउंड्री वाल और टीन शेड हटाए। कुछ पक्का निर्माण भी तोड़ा गया। यह जमीन प्राधिकरण के मास्टर प्लान-2031 के अनुसार नियोजित है। यहां प्लॉटिंग कर लोगों को सस्ते प्लॉट बेचने का काम हो रहा था।
जागरण संवाददाता, नोएडा। प्राधिकरण का अवैध निर्माण को भूमाफिया के खिलाफ अभियान जारी है। बृहस्पतिवार को सर्किल-6 की टीम ने सलारपुर में करीब 50 करोड़ रुपये की जमीन को कब्जा मुक्त कराया। यहां बाउंड्रीवाल और टीम शेड लगाकर अवैध प्लॉटिंग की जा रही थी। कुछ पक्का निर्माण भी कराया गया था, जिसे प्राधिकरण के बुलडोजर ने ध्वस्त किया। जमीन प्राधिकरण की मास्टर प्लान-2031 के अनुसार नियोजित है।
प्राधिकरण वर्क सर्किल छह वरिष्ठ प्रबंधक केबी सिंह ने बताया कि सलारपुर में खसरा नंबर- 595, 596, 597 और 598 करीब पांच हजार वर्गमीटर जमीन है। इस जमीन के चारों ओर बाउंड्री कराकर अवैध निर्माण किया जा रहा था। यहां प्लॉटिंग कर लोगों को सस्ते प्लॉट बेचने का काम हो रहा था।
प्राधिकरण को जानकारी मिलने पर कार्रवाई की गई। इसके अलावा आसपास भी कई स्थानों पर अवैध निर्माण हो रहा है। वहां अंतिम नोटिस चस्पा किया गया है। अवैध निर्माण हटाने को कहा गया है। यदि वे नहीं हटाते तो कानूनी कार्रवाई के साथ निर्माण को ध्वस्त किया जाएगा।
दस माह में दो लाख वर्ग मीटर जमीन कब्जा मुक्त
प्राधिकरण ने जनवरी 2024 से अब तक करीब 1.93 लाख वर्गमीटर जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया गया। इस जमीन की लागत 1068 करोड़ रुपये आकी गई है। इसके अलावा अभियान निरंतर जारी है। यह जमीन मास्टर प्लान 2031 के अनुसार नियोजित की गई है। यहां प्लानिंग और परियोजनाएं बनाई जानी है। इसके अलावा जमीन अतिक्रमण और अवैध निर्माण को लेकर अब तक 24 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। जबकि 118 मामलों में डीसीपी स्तर पर जांच की जा रही है।
समाप्त कर दी गई है आवासीय भूखंड योजना
नोएडा में उद्यम संचालित करने के लिए पहले प्राधिकरण की ओर से प्रत्येक उद्यमी को आरक्षित श्रेणी के आवासीय भूखंड आवंटित किया जाता है लेकिन विगत कुछ वर्षो से प्राधिकरण ने श्रेणी के अंतर्गत आवासीय भूखंड योजना समाप्त कर दी गई है। इस कारण उद्यमी अपना उद्योग चलाने के लिए अन्य पड़ोसी राज्यों से आना-जाना पड़ता है, जिसमें समय के साथ-साथ धन भी व्यय होता है।पटरी बाजार बनाकर किया था अतिक्रमण
वर्तमान में औद्योगिक सेक्टरों में सड़कों के दोनों ओर रेहड़ी ठेली, खोमचे वालों ने पटरी बाजार बनाकर अतिक्रमण कर दिया गया है, जो कि निरंतर बढ़ता ही जा रहा है, जिसके कारण उद्यमियों को अपने आवास से इकाई तक पहुंचने तथा इकाई से घर पहुंचने में सड़क पर लगन जाम के कारण अत्यधिक समय लगता है। जाम के कारण ईंधन की खपत भी होती है। यह भी पढ़ें- Yamuna Authority: घर खरीदने का सपना होगा पूरा, यमुना प्राधिकरण अब यहां बसाएगा नया शहर; सरकार से मिली मंजूरी
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