नोएडा प्राधिकरण में 200 करोड़ की जालसाजी में जल्द होगी CBI की एंट्री, पुलिस ने मामले की चार्जशीट की दाखिल
पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट नोएडा प्राधिकरण कार्यालय भी पहुंच गई है जिसमें बहुत ही चौकाने वाला तथ्य प्रकाश में आया है जिसमें प्राधिकरण के सभी अधिकारियों क्लीन चिट दे दी है। प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारियों को आश्चर्यचकित कर दिया है। अब जैसे ही बैंक में आंतरिक ऑडिट की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रकरण की जांच सीबीआइ को ट्रांसफर हो जाएगी।
कुंदन तिवारी, नोएडा। प्राधिकरण में 200 करोड़ की एफडी जालसाजी प्रकरण में जल्द ही सीबीआइ की एंट्री होने जा रही है, क्योंकि प्रकरण में पुलिस ने पांच आरोपित अब्दुल खादर, सुधीर चौधरी, मुरारी जाटव, राजेश बाबू, राजेश कुमार पांडेय समेत तीन गवाह नोएडा प्राधिकरण के मुख्य वित्त एवं लेखा अधिकारी मनोज कुमार सिंह, सेक्टर-62 स्थित बैंक आफ इंडिया शाखा प्रबंधक अशोक शर्मा, बैंक की महिला खजांची को लेकर 20 दिन पहले चार्जशीट दाखिल कर दी है।
CBI को ट्रांसफर हो जाएगी प्रकरण की जांच
अब फरार चल रहे तीन मुख्य आरोपितों मनु पोला, त्यागी और मिश्रा की जांच के लिए प्रकरण को क्राइम ब्रांच ट्रांसफर किया है। जबकि नियमानुसार तीन करोड़ रुपये से अधिक के बैक में हेरफेर पर सीबीआइ को स्वत: ही मामला ट्रांसफर होने का प्रविधान आरबीआइ की गाइड लाइन में शामिल है। ज्यों ही बैंक में आंतरिक ऑडिट की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रकरण की जांच सीबीआइ को ट्रांसफर हो जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट नोएडा प्राधिकरण कार्यालय भी पहुंच गई है, जिसमें बहुत ही चौकाने वाला तथ्य प्रकाश में आया है, जिसमें प्राधिकरण के सभी अधिकारियों क्लीन चिट दे दी है। प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारियों को आश्चर्यचकित कर दिया है।
चार्जशीट में बैंक के शाखा प्रबंधक की सीधी संलिप्तता आरोपित अब्दुल खादर के साथ उजागर की गई है, क्योंकि शाखा प्रबंधक ने एक प्रतिशत कमिशन लेकर पहले दिन 3.90 करोड़ रुपये आराेपितों के खातों में ट्रांसफर किया है।
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आरोपित अब्दुल खादर शाखा प्रबंधक का जानकार है, उन्हीं के निर्देश पर नोएडा प्राधिकरण अधिकारियों से मिला। इसलिए शाखा प्रबंधक को गवाह के साथ-साथ आरोपित भी बनाया गया है।
वहीं इस प्रकरण में बैंक की महिला खजांची भी कार्रवाई के दायरें में आएंगी, क्योंकि पहले दिन उसी के द्वारा 3.90 करोड़ रुपये आरोपितों के विभिन्न खातों में ट्रांसफर किया गया है, लेकिन अगले दिन उसे 9.5 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की बात आई, तब महिला खजांची ने उसी बैंक में तैनात अपने पति से इस जानकारी को साझा किया।
जिसकी सलाह के बाद महिला अकाउंटेंट ने आरोपितों के विभिन्न खातों में ट्रांसफर करने से पहले नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से संपर्क किया, जिसके बाद नोएडा प्राधिकरण का वित्त विभाग हरकत में आया और पूरे प्रकरण को उजागर करने में सफलता मिल सकी और 200 करोड़ रुपये जालसाजों के पास ट्रांसफर होने से बचाया जा सका।
नोएडा जाेन डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि प्रकरण की जांच क्राइम ब्रांच का ट्रांसफर कर दी गई है। पांच आरोपित समेत तीन गवाहों को लेकर चार्जशीट दाखिल की गई है।