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Noida News: 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसने से 7 दिन तक डर के साए में रहा मासूम, अब शुरू किया स्कूल जाना

Noida News लोगों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लिफ्ट संचालन के लिए जो अनुमति दी है उसके मुताबिक हर लिफ्ट में लिफ्टमैन होना चाहिए लेकिन सोसायटी में एक भी लिफ्ट मैन अथवा प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मी नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Wed, 12 Oct 2022 11:47 AM (IST)
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Noida News: 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसने से 7 दिन डर के साए में रहा मासूम
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पैरामाउंट इमोशंस सोसायटी (Paramount Emotions Society) में लिफ्ट में फंसने के एक सप्ताह बाद बच्चे ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है। लिफ्ट में फंसने के बाद बच्चा काफी डरा व सहमा हुआ था। लिफ्ट में जाने से कतरा रहा था।

बच्चे की मां मंजू सिंह ने बताया कि बच्चा एक सप्ताह के बाद स्कूल गया। वह अभी भी काफी डरा व सहमा हुआ है। मंजू सिंह ने पुलिस पर भी कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस ने कुछ चुनिंदा कर्मचारियों पर शांति भंग की कार्रवाई कर इतिश्री कर ली है।

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असली गुनहगारों के खिलाफ नहीं हो रही कार्रवाई

पुलिस असली गुनहगारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। वह समस्या का स्थायी समाधान चाहती हैं। पीड़ित ने जिलाधिकारी से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी से मुलाकात कर अपनी समस्या से रूबरू करांएगी। जिलाधिकारी के मुलाकात के दौरान सोसायटी के लोगों का प्रतिनिधिमंडल उनके साथ होगा। जो जिलाधिकारी को सोसायटी से व्याप्त समस्याओं के समाधान के निदान को ज्ञापन भी सौंपेगा।

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यह है पूरा मामला

ग्रेनो वेस्ट स्थित पैरामाउंट इमोशंस सोसायटी में चार अक्टूबर को बच्चा लिफ्ट में फंस गया था। बच्चा 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसा रहा। अलार्म बजाकर मदद मांगता रहा। बच्चे ने लिफ्ट में लगे आपातकालीन फोन (इंटरकाम सेवा) से भी कई बार मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा गार्ड अथवा रखरखाव प्रबंधन के कर्मचारियों ने फोन नहीं उठाया।

बच्चे की तलाश शुरू होने के करीब 45 मिनट के बाद उसे बेसुध अवस्था में लिफ्ट से बाहर निकाला जा सका। बिल्डर प्रबंधन ने मौके पर ड्यूटी दे रहे गार्ड को हटाकर इतिश्री कर ली है।

सुरक्षा गार्डों को नहीं कोई प्रशिक्षण

सोसायटी के लोगों का आरोप है कि सोसायटी की सुरक्षा में लगे गार्डों को कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। पहले भी लिफ्ट में सोसयटी के कई लोग फंस चुके हैं। पूरी सोसायटी इस समस्या का स्थायी समाधान चाहती है। 

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