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कुछ ऐसा होगा यूपी का फ्यूचर: नोएडा-गाजियाबाद सहित आसपास के शहर होंगे जाम से मुक्त, 50 साल के लिए 9 बिंदुओं पर तैयार होगा प्लान

Regional Comprehensive Mobility Plan आगामी 50 वर्षों के लिए नोएडा ग्रेटर नोएडा यमुना विकास गाजियाबाद हापुड़ बुलंदशहर के यातायात को बेहतर बनाने के लिए रीजनल कांप्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) तैयार किया जाएगा। इस योजना में सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने से लेकर नए फ्लाईओवर बाटलनेक और परिवहन प्रणाली को ध्यान में रखा जाएगा। यह प्लान दिल्ली फरीदाबाद गुरुग्राम से बेहतर कनेक्टिविटी देगा।

By Kundan Tiwari Edited By: Geetarjun Updated: Wed, 25 Sep 2024 07:58 PM (IST)
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नोएडा-गाजियाबाद सहित आसपास के शहर होंगे जाम से मुक्त।

जागरण संवाददाता, नोएडा। चार जिलों के छह शहरों को यातायात जाम मुक्त बनाने के लिए रीजनल कांप्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) तैयार किया जाएगा। यह प्लान नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना विकास, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर के यातायात को दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम से बेहतर कनेक्टिविटी देगा।

प्लान को बनाने के लिए एक सलाहकार कंपनी का चयन किया जाएगा। इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने जारी कर दिया गया है। सरकार की ओर से इस प्लान को तैयार करने के लिए नोएडा को नोडल बनाया है।

किन बातों का रखा जाएगा ध्यान

यह रीजनल प्लान पश्चिमी यूपी में इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देगा। चयन होने वाली सलाहकार कंपनी एक ऐसा प्लान बनाएगी, जिसे सभी जिले और प्राधिकरण अपने-अपने क्षेत्र में लागू करेंगे। इसमें सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने से लेकर नए फ्लाई ओवर, बाटलनेक और ट्रांसपोटेशन को ध्यान में रखा जाएगा।

हापुड़ और गाजियाबाद को बाद में जोड़ा

नोएडा प्राधिकरण अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सतीश पाल ने बताया कि रीजनल प्लान में पहले चार शहर शामिल थे, लेकिन अब हापुड़ और गाजियाबाद को भी जोड़ा गया है। सलाहकार कंपनी क्षेत्रीय प्लान का अध्ययन करेगी और उसमें दिए गए बेहतर प्लान या सुझाव को अपनी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में शामिल करेगी।

जल्द मांगा जाएगा प्राथमिक प्लान

सलाहकार कंपनी को अधिकतम डेढ़ साल का समय दिया जाएगा, लेकिन तीन माह में उसे प्राथमिक प्लान बनाकर देना होगा। इस पर रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेंगे।

आगामी 50 साल के लिए होगा प्लान

यह एक प्रकार का थिंक टैंक होगा, जिसमें छह स्थानों के अधिकारियों और सलाहकार कंपनी अध्ययन करेंगे कि आगामी 50 सालों तक दिल्ली से बेहतर कनेक्टिविटी और क्षेत्र को कैसे जाम मुक्त बनाया जाए। जितने भी सुझाव आएंगे कंपनी प्लान में शामिल करेगी। सुझाव पर अमल करने का काम संबंधित प्राधिकरण का होगा।

नौ बिंदुओं पर तैयार होगा सीएमपी

  • सलाहकार कंपनी तीनों शहर के लोकल अथॉरिटी के प्लानिंग सेल से बात करेगी। विजिट करके शहरी और ग्रामीण इलाकों की एक ब्रीफ तैयार करेगी, जिसमें लोकेशन, लैंड एरिया, रोड नेटवर्क, रीजनल इकनॉमिक, स्ट्रक्चर उपलब्धता को शामिल किया जाएगा।
  • सभी प्रकार का डाटा एनालिसिस रिपोर्ट को एकत्रित करना, जिसमें सामाजिक परिवेश, रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या और ट्रांसपोर्ट नेटवर्क, अर्बन ट्रांसपोर्ट नियम, रीजनल ट्रांसपोर्ट पॉलिसी, नेशलन और स्टेट रूल, सड़क हादसे, लैंड यूज, मैप शामिल है।
  • एक प्राथमिक सर्वे प्लान तैयार किया जाएगा।
  • हितधारक, पब्लिक और अन्य लोगों से इस सर्वे प्लान पर बातचीत की जाएगी।
  • डिटेल सर्वे होगा, जिसमें निर्मित इमारतों की संख्या, ट्रैफिक, रोड पर स्पीड, पार्किंग, पेडेस्ट्रियन का डाटा लेकर ग्राउंड रिपोर्ट की जाएगी, जो टाइम, कास्ट, कंफर्ट, सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिहाज से तैयार की जाएगी।
  • महत्वपूर्ण बिंदु प्रदूषण से संबंधित भी होगा। डीजल, पेट्रोल, एलपीजी और इलेक्ट्रिक वाहनों का डाटा लेकर चेक किया जाएगा कि इसका कितना असर प्लान के अनुसार कम होगा या बढ़ेगा।
  • नोएडा ग्रेटर नोएडा, यमुना क्षेत्र में ई-बस चलाने का प्रावधान है। इसे मोबिलिटी प्लान में ही शामिल किया जाएगा। इसके लिए अलग से इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता होगी, जिसमें एडमिन ब्लॉक, चार्जिंग स्टेशन, डिपो, वार्क शॉप आदि।
  • रोड नेटवर्क, इंटर कनेक्टिविटी, पार्किंग उपलब्धता और उसके प्रकार, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम, पैरा ट्रांजिस्ट सिस्टम, सड़कों पर ट्रैफिक का भार, ट्रैफिक सेफ्टी को शामिल कर फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा।
  • फाइनल ड्राफ्ट कंपनी गठित की गई समिति के सामने रखेगी, बोर्ड से अप्रूव होने पर इस पर काम शुरू किया जाएगा।