56 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 65 लाख की ठगी, जानिए कैसे साइबर ठगों ने सिर्फ कॉल के जरिए एक व्यक्ति को बनाए रखा बंधक
नोएडा में एक व्यक्ति को साइबर ठगों ने 56 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 65 लाख रुपये की ठगी की। ठगों ने पार्सल में प्रतिबंधित ड्रग होने का डर दिखाकर वारदात को अंजाम दिया। पीड़ित ने बताया कि ठगों ने अस्थमा का दौरा पड़ने पर भी नहीं छोड़ा। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, नोएडा। एक्सप्रेस थाना क्षेत्र के जेपी विश टाउन सोसाइटी में रहने वाले चंद गांधी को साइबर ठगों ने 56 घंटे डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) रखकर 65 लाख रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित के नाम से पार्सल में प्रतिबंधित ड्रग होने का डर दिखाकर वारदात की। पीड़ित ने सोमवार को साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
चंद गांधी ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि 13 जुलाई की सुबह उनके पास ठग ने कोरियरकर्मी बनकर बताया कि उनके दस्तावेज का दुरुपयोग कर भेजे जा रहे कोरियर में तीन क्रेडिट कार्ड, पांच पासपोर्ट, 200 ग्राम एमडीएमए ड्रग, एक लैपटॉप, चार किलोग्राम कपड़े हैं।
पुलिस अधिकारी बन वीडियो कॉल पर पूछताछ
उन्होंने अधिकारियों से बात कराकर समाधान निकालने पर जोर दिया और उनकी कॉल को मुंबई साइबर सेल अधिकारियों जोड़ दिया। थोड़ी देर बाद ठगों ने वीडियो कॉल के माध्यम से पुलिस अधिकारी बनकर 45 मिनट तक पूछताछ की।56 घंटे तक की जांच
इस बारे में बेटी को बताने पर ठगों ने मना किया और ठगों ने पूछताछ के नाम पर 56 घंटे तक जांच की। पीड़ित की सभी गतिविधियों पर नजर रखी। पीड़ित को गिरफ्तारी वारंट दिखाकर डराया।
अस्थमा का दौरा पड़ने पर भी नहीं छोड़ा
पीड़ित ने बताया कि 14 जुलाई को डर के कारण अस्थमा का दौरा पड़ गया। ठगों ने छोड़ने के बजाय ख्याल रखने और अपनी दवा लेने के लिए बोला। उसके बाद भी पूछताछ जारी रखी। इस बीच पीड़ित से बैंक खातों और बचत के बारे में जानकारी हासिल की। फिर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा मामला होने का डर दिखाकर आरबीआई से धनराशि जांच कराने के लिए बोला।पीड़ित ने एफडी आदि तोड़कर 40 और 25 लाख रुपये ठगों के बताए खाते में डाल दिए। एडीसीपी साइबर सेल प्रीति यादव ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच कराई जा रही है।
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