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Shri Ramotsav In Noida: 22 जनवरी को स्वतंत्रता के संघर्ष की पूर्ण आहुति होगी: मनोज मुंतशिर

मनोज मुंतशिर शुक्ला ने दैनिक जागरण के श्रीरामोत्सव कार्यक्रम में कहा कि 134 साल बाद 2019 तक यह सिद्ध करते रहे कि पहले कलयुग आया था या त्रेता युग आया। पहले बाबरनामा लिखा गया कि रामायण लिखी गई थी। मैं सिर्फ इतना ही कहता हूं कि 2024 में हम मंगल पर जीवन खोज रहे हैं और भगवान राम ने त्रेता युग में जीवन में मंगल खोज लिया था।

By Arpit Tripathi Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Tue, 16 Jan 2024 10:29 PM (IST)
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दैनिक जागरण के श्रीरामोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए मनोज मुंतशिर

अर्पित त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। वर्ष 1885 में पहली बार मंदिर के लिए याचिका दायर की गई थी। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह राम जन्म भूमि है। 134 साल बाद 2019 तक यह सिद्ध करते रहे कि पहले कलयुग आया था या त्रेता युग आया। पहले समरकंद बसा था या अयोध्या बसी थी। पहले बाबरनामा लिखा गया कि रामायण लिखी गई थी।

राममय हो गया पूरा सभागार

इनके वकील जो तीन दिन दीवाली, दशहरा और रामनवमी की छुट्टी मनाते थे। वही न्यायालय में रामजन्म भूमि को लेकर अंग्रेजी में सवाल पूछते थे। हमने शांति का परिचय देकर राम का मंदिर बनवाया है। 1947 में हम स्वतंत्र हुए थे, 22 जनवरी को स्वतंत्रता के संघर्ष की पूर्ण आहुति होगी। ये बातें प्रसिद्ध गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला ने दैनिक जागरण के श्रीरामोत्सव कार्यक्रम में ‘सनातन संस्कृति एवं श्रीराम’ विषय पर कहीं। उनके संबोधन के दौरान युवाओं का जोश देखते ही बन रहा था। जय श्री राम के उद्घोषों से पूरा सभागार राममय हो गया। 

मनोज मुंतशिर ने कहा कि भगवान राम इतना बड़ा विषय है, जिस पर बोलने के लिए पूरा जीवन लग जाए। भरी हुई कुर्सियां देखकर मुझे वैसी ही खुशी हो रही है जो आज से साढ़े सात हजार वर्ष पूर्व अपनी भरी हुई कोख देखकर मां कौशल्या को हुई होगी। कुछ बच्चे मुझसे पूछते हैं कि हम 2024 में मंगल में जीवन खोज रहे हैं, आप बार-बार 7500 वर्ष पुरानी कहानी क्यों सुनाते हैं। मैं सिर्फ इतना ही कहता हूं कि 2024 में हम मंगल पर जीवन खोज रहे हैं और भगवान राम ने त्रेता युग में जीवन में मंगल खोज लिया था।

भगवान राम सिखाएंगे जीना- मनोज 

उन्होंने कहा कि हमें अब जीना सीखना है जो भगवान राम सिखाएंगे। ये दुनिया जो हमने बनाई है इसमें रफ्तार तो बहुत है पर न तो गहराई है न ठहराव है। हमारे पास जानकारी बहुत है पर समझदारी कम है। आज हमारे जीवन में खालीपन बहुत है। यदि हमें सर्वश्रेष्ठ देना है तो श्री राम से बड़ा माडल नहीं है और राम कथा से बड़ा फार्मूला नहीं है। राम वो पुत्र हैं जो पिता की एक बात पर सिंहासन छोड़ कर वनवासी हो जाते हैं, वो पति हैं जो सिंदूर की सौगंध निभाने को भालू और वानरों की सेना लेकर संसार की सबसे शक्तिशाली शक्ति से टकरा जाते हैं। वो भाई हैं जो लक्ष्मण के सिरहाने बैठकर मृत्यु से लड़ जाते हैं।

मोहनदास करमचंद गांधी जैसा महान व्यक्तित्व रामराज्य का स्वप्न देखता था। हमारे संविधान में राम का चित्र व छवि अंकित है। वह राष्ट्र भक्त हैं जो स्वर्णमयी लंका को छोड़कर अपनी मिट्टी वापस आ जाते हैं। मां और मातृभक्ति से बढ़कर कुछ नहीं होता। पिछले कुछ दिनों बहुत बड़ा परिवर्तन आया है खासकर की युवाओं में जो हम भारत माता की जय बोलते हैं तो अंतरात्मा से आवाज आती है। पिछले दिनों मालदीव ने हम पर छींटाकशी की और 24 घंटे के भीतर हमने उनके पर्यटन पर ताला मार दिया।

उन्होंने देश का परिचय कराते हुए कहा कि हम वहीं हैं जो बाण भेदकर धरती से धारा निकाल दिया करते थे, एक अंगुली पर गोवर्धन उठा लिया करते थे। हम ही वह दलेर थे जो चक्रव्यूह में वापस लौटने की विद्या जाने बगैर अंदर गए, और वो भी हम ही थे जिनके फेंके हुए पत्थर पानी में तैर गए। हम मारना भी जानते हैं और बचाना भी, जिंदगी की सांस टूटने लगी तो हमने ही वैक्सीन बनाई है। हम जांबाज है आंधियों से खेले हैं, मानवता के उजाले हैं हम भारत वाले हैं‘।

मनोज मुंतशिर ने बताया राम का पर्यायवाची

उन्होंने भारत को राम का पर्यायवाची बताते हुए कहा कि जब हम राम की बात करते हैं तो भारत की बात करते हैं और भारत की बात करते हैं तो राम की बात कर रहे होते हैं। विश्व के सबसे बड़े इस्लामिक देश इंडोनेशिया में 30 दिन अद्भुत रामलीला होती है। थाईलैंड की राजधानी को अयोध्या कहते हैं। वहां के राजा का रामा कहते हैं। मलेशिया के नेवी चीफ को लक्ष्मण कहा जाता है। पूरी दुनिया ने राम को अपना लिया हमने 500 साल उन्हें निर्वासित रखा। अब सोता हुआ सनातन चैतन्य है। 22 जनवरी को हमारे भारतवर्ष में फिर रामराज्य आने वाला है। 22 जनवरी का सूर्य बलिदानियों के आकाश में चमकेगा। यह दिन खुद ब खुद नहीं आया कइयों का बलिदान हुआ।

उन्होंने इस दौरान कल्याण सिंह, अटल बिहारी बाजपेयी, अशोक सिंहल, बाला साहब ठाकरे को नमन किया। मुंतशिर ने कहा कि कि आज अयोध्या में लाखों श्रद्धालुओं की पग धूल से पूरा आकाश भगवा हो रहा है। लोग कहते हैं कि हमने मस्जिद गिराई। आज 100 करोड़ हिंदुओं की ओर से इस आरोप का खंडन करता हूं कि हमने कभी कोई मस्जिद नहीं गिराई, जो तोड़ा गया था वह एक ढांचा था।