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नोएडा में पात्र खाली हाथ, डीलर 4.50 लाख रुपये में बेच रहा पिंक ऑटो

पिंक ऑटो के परमिट गुपचुप तरीके से आरटीओ कार्यालय गाजियाबाद से लिए जा रहे हैं। सक्शन लेटर पात्रों की बजाए डीलर को दिए जा रहे हैं। डीलर 2.73 लाख के आन रोड पिंक ऑटो को 4.50 लाख रुपये में परमिट समेत बेच रहा है। गाजियाबाद और नोएडा के परिवहन अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। इस मामले में हाईकोर्ट में रिट डालकर कार्रवाई कराने का प्रयास किया जा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 12 Jun 2024 10:51 AM (IST)
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नोएडा में पात्र खाली हाथ, डीलर 4.50 लाख रुपये में बेच रहा पिंक ऑटो
मुनीश शर्मा, नोएडा। दिल्ली एनसीआर में ऑटो परमिट मिलने की रोक के आड़ में पिंक ऑटो के परमिट गुपचुप तरीके से आरटीओ कार्यालय गाजियाबाद से लिए जा रहे हैं। सक्शन लेटर पात्रों की बजाए डीलर को दिए जा रहे हैं। डीलर 2.73 लाख के आन रोड पिंक ऑटो को 4.50 लाख रुपये में परमिट समेत बेच रहा है। पात्रों का आरोप है कि आरटीओ कार्यालय से सांठगांठ कर डीलर नियमों को रौंद रहा है।

गाजियाबाद और नोएडा के परिवहन अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। मई माह में भी नोएडा ऑटो चालक रिक्शा यूनियन के पदाधिकारी इस व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा चुके हैं। 160 परमिट डीलरों को देने का आरोप लगाकर एआरटीओ नोएडा और आरटीओ गाजियाबाद को पत्र लिख चुके हैं। हालांकि यूनियन के अधिकारियों का दावा है कि वह हाईकोर्ट में भी रिट डालने में लगे हैं।

केस नंबर एक

ग्रेटर नोएडा अल्फा के सी ब्लाक लाल बिल्डिंग निवासी सवाना पत्नी जाहिद ने ऑटो यूनियन और परिवहन अधिकारियों को लिखे पत्र में बताया कि उन्होंने पिंक ऑटो के लिए आवेदन किया हुआ है। उनके नाम से पिंक ऑटो आ गया है।

इसकी दस्तावेज संबंधी प्रक्रिया पूरी कराने के लिए गाजियाबाद आरटीओ कार्यालय गईं थीं। आरोप है कि सक्शन लेटर उनको ना देकर एजेंट सतीश को दे दिया गया। सतीश से लेटर मांगने पर शोरूम पर चलकर बात करने को बोला शोरूम पहुंचने पर 4.50 लाख रुपये देने पर ऑटो देने की बात कही।

केस नंबर दो

गौतमबुद्ध नगर के गांव माच्चा निवासी कंचन पत्नी धीरज ने ऑटो यूनियन और परिवहन अधिकारियों को लिखे पत्र में बताया कि उन्होंने पिंक ऑटो के लिए आवेदन किया हुआ है। उनके नाम से पिंक ऑटो आ गया है। इसकी दस्तावेज संबंधी प्रक्रिया पूरी कराने के लिए गाजियाबाद आरटीओ कार्यालय गईं थीं।

आरोप है कि सक्शन लेटर उनको ना देकर एजेंट सतीश को दे दिया गया। सतीश से लेटर मांगने पर शोरूम पर चलकर बात करने को बोला शोरूम पहुंचने पर 4.50 लाख रुपये देने पर ऑटो देने की बात कही। आरोप है कि उनके बगैर सुमन ऑटो से बिलिंग कर दी गई है।

हाईकोर्ट में डाली जा रही रिट

नोएडा ऑटो चालक रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष लाल बाबू ने बताया कि वर्ष 2015 में परिवहन विभाग की ओर से एक हजार ऑटो एनसीआर में चलवाने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके लिए आनलाइन फार्म भरवाए गए थे। चालक ऑटो पाने के लिए पंजीकरण कराकर निर्धारित शुल्क जमा करा चुके हैं, लेकिन अभी तक ऑटो नहीं मिल पाए हैं।

अब 2021 के बचे हुए पिंक ऑटो का परमिट बिना सूचना दिए जारी कर दिए। इसके लिए कोई आनलाइन प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई। आरटीओ गाजियाबाद की ओर से चुनिंदा ऑटो डीलरों को सक्शन लेटर दिए गए हैं।

इसी सेक्शन लेटर के माध्यम से डीलर डीलर 2.75 लाख के पिंक ऑटो को 4.50 लाख रुपये में बुक कर रहा है। इस मामले में हाईकोर्ट में रिट डालकर कार्रवाई कराने का प्रयास किया जा रहा है।

क्या बोले जिम्मेदार

एआरटीओ नोएडा डॉ. सियाराम वर्मा ने बताया कि पिंक ऑटो के परमिट देने की प्रक्रिया आरटीओ गाजियाबाद के स्तर से की जा रही है। परमिट मिलने पर किसी तरह की रोक नहीं है।

इसको लेने के लिए आवेदक महिला का होना जरूरी है। उधर, आरटीओ गाजियाबाद पीके सिंह का मोबाइल नंबर बंद होने के कारण संपर्क नहीं हो सका। एआरटीओ गाजियाबाद राहुल कुमार ने फोन नहीं उठाया।

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