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Noida News: सालों बाद पूरा होगा उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी का सपना, लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार

Greater Noida Film City यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की फिल्म सिटी का हश्र नोएडा फिल्म सिटी की तरह न हो इसके लिए कई ऐसे नए प्रविधान किए गए हैं जिससे फिल्म सिटी के भूखंड की सबलीज नहीं हो सकेगी। विकासकर्ता को भूखंड की सबलीज की अनुमति नहीं होगी। (Photo- FB)

By Arvind MishraEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Sat, 15 Oct 2022 08:00 AM (IST)
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Noida News: सालों बाद पूरा होगा उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी का सपना
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) क्षेत्र उत्तर भारत में फिल्म निर्माण का केंद्र बनने जा रहा है। हालांकि सालों पहले नोएडा में फिल्म सिटी (Noida Film City) का सपना देखा गया था। भूखंड भी आवंटित हुए, पर फिल्म सिटी सपना बनकर ही रह गई। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एक हजार एकड़ में विकसित होने वाली फिल्म सिटी में 72 सौ करोड़ रुपये के निवेश से लाखों लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

फिल्म सिटी के लिए वैश्विक निविदा

विकासकर्ता को ही समग्र रूप से फिल्म सिटी को विकसित कर उसे 60 साल तक संचालन का अधिकार होगा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा.अरुणवीर सिंह ने बताया कि फिल्म सिटी के लिए वैश्विक निविदा जारी की जा रही है। अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर व भारत आदि देशों में इसे जारी किया जा रहा है। प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण ने सरकार के सामने अपने-अपने प्रस्ताव रखे थे।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, सड़क कनेक्टिविटी समेत फिल्म सिटी के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्धता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 21 को इसके लिए चुना। फिल्म सिटी की निविदा पिछले साल नवंबर में जारी हुई थी। जून 2022 में यह निविदा खोली गई, पर विकासकर्ता के चयन के लिए कड़ी शर्तों से मात्र एक ही निविदा आई। शर्तों को पूरी न करने से इसे रद कर दिया गया था। फिल्म सिटी की नई निविदा तैयार की गई है। इसमें शर्तों को लचीला किया गया है।

लाइसेंस की अवधि को किया गया 60 साल

लाइसेंस की अवधि 40 साल के बजाय 60 साल किया गया है। इसे 30 साल बढ़ाया जा सकेगा। इसके अलावा ओटीटी, मीडिया हाउस, वीईएक्स आदि को भी निविदा में शामिल होने का मौका मिलेगा। विकासकर्ता को निर्माण में डिजायन कंट्रोल से छूट दी गई है। यानी फिल्म सिटी के आंतरिक ढांचे को अपनी प्राथमिकता के अनुसार विकसित करने की छूट होगी।

फिल्म सिटी शुरू होने के छठवें साल से मिलेगा राजस्व

प्राधिकरण को फिल्म सिटी शुरू होने के छठवें साल से राजस्व मिलेगा। निविदा में 116 करोड़ से बोली शुरू होगी। बाक्स कलाकार व रोजगार का बड़ा केंद्र फिल्म सिटी से प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। कलाकारों के लिए भी अवसर बढ़ेंगे।

उत्तर भारत फिल्म निर्माताओं की पसंद बनता जा रहा है। पिछले कुछ साल में काफी संख्या में फिल्मों की शूटिंग उत्तर भारत के राज्यों में हुई है या फिर फिल्म की पटकथा का आधार रहा है। इसलिए फिल्म सिटी को लेकर काफी उम्मीद हैं।

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प्री प्रोडक्शन से पोस्ट प्रोडक्शन की सुविधा

फिल्म सिटी में एक ही जगह पर फिल्म निर्माताओं को प्री प्रोडक्शन से पोस्ट प्रोडक्शन की सुविधा मिलेगी। लाइट, साउंड के विशेष प्रभाव वाले स्टूडियो, एनिमेशन फिल्म के लिए जरूरी तकनीकी ढांचा विकसित होगा। इसके अलावा इनडोर व आउटडोर लोकेशन, होटल, विला, स्टूडियो, फिल्म इंस्टीट्यूट, कृत्रिम झील आदि होंगी।

नोएडा फिल्म सिटी जैसा नहीं होगा हश्र

नोएडा के सेक्टर 16 में सालों पहले फिल्म सिटी के विकास की योजना बनी थी। प्राधिकरण ने 100 एकड़ में फिल्म स्टूडियो के लिए भूखंड आवंटित किए थे। ये भूखंड काफी कम कीमत पर आवंटित हुए थे, ताकि फिल्म उद्योग को उत्तर प्रदेश में स्थापित किया जा सके। लेकिन भूखंड मालिकों ने स्टूडियो बनाने के बजाय भूखंडों को बेचकर भारी भरकम मुनाफा कमाया।

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कुछ ही भूखंड पर स्टूडियो बने। इससे फिल्म सिटी परियोजना सफल नहीं हुई। इससे सबक लेते हुए यमुना प्राधिकरण ने फिल्म सिटी की शर्तों को कड़ा किया है। विकासकर्ता को भूखंड बेचने की अनुमति नहीं होगी। उसे ही फिल्म सिटी का विकास और संचालन करना होगा।

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