नोएडा में डाटा सेंटर और जेवर एयरपोर्ट से 64 प्रतिशत तक बढ़ेगी बिजली खपत, विद्युत निगम ने तैयार किया ये प्लान
गौतमबुद्ध नगर में बढ़ती बिजली खपत को लेकर विद्युत निगम ने प्लान तैयार किया है। जिले में वर्ष 2030 तक की आवश्यकताओं को देखते हुए स्मार्ट बिजली वितरण मैनेजमेंट सिस्टम बनाया जा रहा है। नोएडा में बिजली के ढांचा में व्यापक स्तर पर सुधार के लिए स्मार्ट विद्युत वितरण मैनेजमेंट सिस्टम को लेकर अभी विभागीय स्तर पर विश्लेषण चल रहा है।
अजय चौहान, नोएडा। गौतमबुद्ध नगर तेजी से बढ़ते निवेश के साथ बिजली की खपत भी बढ़ रही है। आने वाले वर्षों में यह और तेजी से बढ़ेगी। इसको देखते हुए शासन स्तर से व्यापक स्तर पर जिले के बिजली ढांचा के कायाकल्प की तैयारी चल रही है। नोएडा व ग्रेटर नोएडा में 2030 तक की आवश्यकताओं को देखते हुए स्मार्ट बिजली वितरण मैनेजमेंट सिस्टम बनाया जा रहा है।
इसके लिए लगभग एक हजार करोड़ रुपये की विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा रही है। 2030 तक बिजली खपत लगभग 2041 मेगावाट तक रहने का अनुमान है। जिले में 470 मेगावाट क्षमता के चार प्रमुख डाटा सेंटर संचालित हैं, लेकिन अभी यह शुरुआती चरण में होने से यह काफी कम बिजली प्रयोग कर रहे हैं। पूरी क्षमता के साथ चलने से लोड में भारी वृद्धि होगी।
कई कंपनियों को जारी हुए भारी क्षमता के बिजली कनेक्शन
साथ ही जेवर एयरपोर्ट का भी 99 मेगावाट का कनेक्शन है। एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने के बाद यह भी लगातार इतनी बिजली का खपत करेगा। इसके अलावा पतंजलि, वीवो समेत कई अन्य कंपनियों को भारी क्षमता के बिजली कनेक्शन जारी हुए हैं।नोएडा में सैमसंग कंपनी का 50 मेगावाट का कनेक्शन है। आने वाले वर्षों में जिले में नए डाटा सेंटर समेत दूसरा निवेश बढ़ेगा। इसे देखते हुए वितरण और ट्रांसमिशन दोनों में व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है।
इसमें नए उपकेंद्र बनाने से लेकर बिजली केबल अंडर ग्राउंड, वितरण स्तर पर स्काडा सिस्टम लागू करने को लेकर काम होगा। जिले में वर्तमान में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के लगभग 3.54 हजार उपभोक्ता हैं। लगभग 1.7 लाख उपभोक्ता नोएडा पावर कारपोरेशन लिमिटेड के हैं।
योजना की फिजिबिलिटी को मिल चुकी हरी झंडी
स्मार्ट विद्युत वितरण मैनेजमेंट सिस्टम की फिजिबिलिटी को लेकर बिजली से जुड़ी केंद्र सरकार की एजेंसी शहर का दौरा कर हरी झंडी दे चुकी है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) व केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआइसी) की टीमों ने शहर के बिजली ढांचा को देखा था।
दोनों एजेंसियों की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद ही शासन स्तर से योजना की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन सीधे कार्ययोजना की समीक्षा कर रहे हैं।
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- हीरानंदानी समूह : 200 मेगावाट
- माइक्रोसाफ्ट : 120 मेगावाट
- अदाणी : 80 मेगावाट
- एनटीटी : 70 मेगावाट
- जेवर एयरपोर्ट : 99 मेगावाट