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Noida Fake Call Center: 'दुबई-कनाडा में करोगे नौकरी', लड़कियां बेरोजगारों को झांसे में लेकर करतीं ठगी; कॉल सेंटर का भंडाफोड़

Noida Fake Call Center नोएडा पुलिस ने शनिवार को एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। यहां से छह युवतियों समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया। कॉल सेंटर सेक्टर 63 में चल रहा था। आरोपी लोगों को विदेशों में नौकरी कराने का झांसा देते उसके बाद उनसे ठगी करते थे। वह वीजा दिलाने के नाम पर भी ठगी करते थे।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 07 Sep 2024 09:18 PM (IST)
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नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़।
जागरण संवाददाता, नोएडा। वर्क वीजा पर कनाडा व सर्बिया में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का सेक्टर-63 थाना पुलिस टीम ने शनिवार को पर्दाफाश किया। यहां डेढ़ साल से कॉल सेंटर संचालित हो रहा था। केरल, श्रीनगर, तमिलनाडु के पीड़ितों की शिकायत मिलने पर पुलिस को फर्जीवाड़े का पता चला।

पुलिस ने आईटी एक्ट, धोखाधड़ी, जबरन वसूली व विश्वासघात की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। डायरेक्टर दंपती और छह महिलाओं समेत नौ आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

कंपनी खोलकर की जा रही थी धोखाधड़ी

डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्तिमोहन अवस्थी ने बताया कि एक माह पूर्व साइबर हेल्प डेस्क को ई ब्लॉक में बियोंड स्पार्क ओवरसीज नाम की कंपनी विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधडी करने की जानकारी मिली। केरल के त्रिवेंद्रम के प्रमोद राघवन समेत कई पीड़ितों की शिकायत पर जांच के दौरान कंपनी कार्यालय पर सोनू कुमार से पूछताछ की गई।

फेसबुक-इंस्टाग्राम से निकालते थे डिटेल

उसने खुद को प्रबंधक बताया और डायरेक्टर पंकज व मनप्रीत कौर के कहने पर फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि से विदेश जाने के इच्छुक लोगों की डिटेल निकालते हैं। कंपनी की सेल्स टीम से कॉल कराकर कनाडा में अपने रिश्तेदार के रॉयल इंडियन सुपरमार्केट एंड किचन नाम के मॉल में स्टोर कीपर, स्टोर सुपरवाईजर, एडमिन आदि पदों पर नौकरी दिलवाने का झांसा देते थे।

एक लाख से ज्यादा सैलरी देने का झांसा

प्रतिमाह 1.5 से दो लाख रूपये सैलरी की बात कहकर आवेदन कराते थे। स्टोर कीपर के नाम पर पांच लाख रुपये, स्टोर सुपरवाईजर के लिए 15 लाख रुपये और अन्य पदों के अनुसार पैसे लेते थे। कुल रकम का 10 प्रतिशत आवेदक से फाइल चार्ज के रूप में और शेष धनराशि धीरे-धीरे कर ली जाती थी।

दूर के लोगों से करते थे ठगी

शिकायत से बचने के लिए दूरदराज के राज्यों के आवेदकों को चुनते और ऑनलाइन पासपोर्ट, आधार कार्ड ले लेते। आवेदकों को विश्वास दिलाने के लिए कनाडा गये हुए लोगों के कागजातों में ग्राफिक चेंज कराकर भेजते देते। फर्जी तरीके से कनाडा में बैठे स्टाफ से इंटरव्यू और कॉल भी कराते।

हर लीड पर मिलता था कमीशन

उप निरीक्षक मनेंद्र प्रताप सिंह ने बताया किस्टाफ को सैलरी के अलावा 20 प्रतिशत तक कमीशन भी मिलता था। शेष धनराशि प्रबंधक व डायेक्टर में बंटती थी। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने अभी तक एक भी व्यक्ति की नौकरी नहीं लगवाई है। वह फर्जीवाड़ा पकड़े जाने और पैसे नहीं लौटाने के लिए कागजातों में कमी निकॉल टरकाते थे। इमिग्रेसन डिपार्टमेंट का अडंगा होने और जांच चलने का भी हवाला देते। वहां की रिपोर्ट लगाकर 45 दिन में लौटाने का हवाला देते थे।

यूपी, दिल्ली के रहने वाले आरोपी

पुलिस ने गाजियाबाद गोविंदपुरम हिमालय प्रोपर्टीज एंड बिल्डर द्वितीय तल के पंकज कुमार व उनकी पत्नी मनप्रीत कौर, बुलंदशहर खुर्जा के सोनू कुमार, प्रतापगढ़ व चौड़ा गांव के राहुल सरोज, मथुरा व फेस तीन की प्रशंसा कुलश्रेष्ठ, दिल्ली मंडावली की दिपाली, सेक्टर-121 की महिमा अग्रवाल, सेक्टर 34 की ममता यादव, बिसरख हैबिटेट सोसाइटी की तनिष्का शर्मा के रूप में हुई। आरोपी बीटेक, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट हैं।

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