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Noida Farmers Protest: किसानों ने ग्रेटर नोएडा में निकाला ट्रैक्टर मार्च, गेट पर दिया धरना; ट्रैफिक डायवर्ट

किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ ट्रैक्टर रैली निकालकर हल्ला बोला। किसानों के प्रदर्शन के देखते हुए प्राधिकरण कार्यालय पर भारी संख्या में पुलिस व पीएसी बल तैनात था। करीब तीन घंटे तक चले हंगामे के बाद किसान प्राधिकरण कार्यालय के बाहर ही धरने पर बैठ गए। वार्ता करने आए अधिकारियों को चेतावनी दी कि मांग पूरी होने तक वह धरना समाप्त नहीं करेंगे।

By Arvind Mishra Edited By: Sonu Suman Updated: Mon, 05 Aug 2024 06:59 PM (IST)
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भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के नेतृत्व में ट्रैक्टर मार्च निकालकर हल्ला बोला।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ दो माह से धरने पर बैठक किसानों ने सोमवार को भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के नेतृत्व में ट्रैक्टर मार्च निकालकर हल्ला बोला। प्राधिकरण कार्यालय के गेट के सामने ट्रैक्टर को खड़ा कर आवाजाही अवरुद्ध कर दी।

किसानों के प्रदर्शन के देखते हुए प्राधिकरण कार्यालय पर भारी संख्या में पुलिस व पीएसी बल तैनात था। करीब तीन घंटे तक चले हंगामे के बाद किसान प्राधिकरण कार्यालय के बाहर ही धरने पर बैठ गए। वार्ता करने आए अधिकारियों को चेतावनी दी कि मांग पूरी होने तक वह धरना समाप्त नहीं करेंगे। किसानों के प्रदर्शन के कारण प्राधिकरण कार्यालय आने वाले आवंटियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।

यातायात को डायवर्ट कर दिया गया

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत किसानों ने भट्टा गोलचक्कर से विप्रो गोलचक्कर, बिरौंडी, स्वर्ण नगरी, पी थ्री गोलचक्कर, परीचौक, अल्फा कामर्शियल बेल्ट होते हुए प्राधिकरण कार्यालय तक ट्रैक्टर मार्च निकाला। किसानों को मार्च को देखते हुए यातायात को डायवर्ट कर दिया गया। जिसके चलते सड़क पर कई जगह जाम की स्थिति बन गई।

किसानों ने गेट के आगे ट्रैक्टर लगाकर किया अवरुद्ध

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए रास्ते में पुलिस बल तैनात किया गया था। कार्यालय के आगे की गई बैरिकेट को तोड़ते हुए किसानों ने गेट के आगे ट्रैक्टर लगाकर उसे अवरुद्ध कर दिया। इससे प्राधिकरण कार्यालय आने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब तीन घंटे तक चले हंगामे के बाद प्राधिकरण के ओएसडी हिमांशु गौतम व डिप्टी कलेक्टर जितेंद्र गौतम ने उच्चाधिकारियों से वार्ता का प्रस्ताव रखा, लेकिन किसान राजी नहीं हुए। अनिश्चितकालीन धरना आगे भी जारी रखने का ऐलान किया है।

आबादी भूखंड की पात्रता सूची प्रकाशित करेगा

संगठन के जिलाध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदर्शन में 48 गांव के तकरीबन एक हजार किसान शामिल हुए। अधिकारियाें से वार्ता में सहमति बनी है कि प्राधिकरण हर सप्ताह एक गांव के किसानों के छह प्रतिशत आबादी भूखंड की पात्रता सूची प्रकाशित करेगा। चार प्रतिशत का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। आबादी लीजबैक पर तीनों प्राधिकरण के सीईओ के हस्ताक्षर के बाद प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। उद्योग में चालीस प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार, स्कूल में 17.5 प्रतिशत आरक्षण व भूमिहीनों को भूखंड का प्रस्ताव भी शासन को भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारी क्षेत्र के किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं हैं। जब तक समस्याओं को समाधान नहीं होगा, किसान धरने पर बैठे रहेंगे।

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