नोएडा बनेगा सेमीकंडक्टर चिप का हब: पांच कंपनियां लगाएंगी यूनिट, यूपी की होगी एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था, सरकार ने दी अनुमति
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में पांच सेमीकंडक्टर कंपनियों को यूनिट स्थापित करने को 425 एकड़ जमीन स्वीकृत की गई है। सेमीकंडक्टर का निर्माण होने से मोबइल व इलेक्ट्रॉनिक्स संबंधित इकाइयां के निवेश के द्वार खोलेंगी। गौतमबुद्ध नगर में वीवो सैमसंग ओप्पो जैसी बड़ी कंपनी मोबाइल का निर्माण कर रही हैं। मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण के लिए सेमीकंडक्टर सबसे बड़ी मांग है।
अर्पित त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में गौतमबुद्ध नगर केंद्र बिंदु बनने की तैयारी में हैं। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अगले वर्ष संचालन शुरू होने से क्षेत्र में निवेशक रुचि दिखा रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 425 एकड़ में पांच सेमीकंडक्टर उद्योग की स्थापना के प्रस्ताव को प्रदेश सरकार की स्वीकृति मिल चुकी है।
गौतमबुद्ध नगर में वीवो, सैमसंग, ओप्पो जैसी बड़ी कंपनी मोबाइल का निर्माण कर रही हैं। वीवो व सैमसंग प्रतिवर्ष 12-12 करोड़ यूनिट मोबाइल का निर्माण करेंगी। आंकड़ों के अनुसार, देशभर के कुल मोबाइल उत्पादन का 40 प्रतिशत गौतमबुद्ध नगर में हो रहा है। मोबाइल चार्जर समेत अन्य एसेसरीज की 500 इकाइयां हैं।
सेमीकंडक्टर के उद्योग से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
इनके निर्माण के लिए सेमीकंडक्टर सबसे बड़ी मांग है। कोविड के दौरान और उसके बाद सेमीकंडक्टर के आयात में कमी देखी गई थी, जिसके बाद देश में ही सेमीकंडक्टर के निर्माण का निर्णय लिया गया। जिले में सेमीकंडक्टर की यूनिट लगने से इलेक्ट्रॉनिक्स यूनिट का निवेश भी बढ़ेगा, जो प्रदेश की एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाएंगी।देश में वर्तमान में चार कंपनियों ने किया 150 लाख करोड़ का निवेश
वर्तमान में देश में टाटा एलेक्सी लिमिटेड, माइक्रोन टेक्नोलॉजी, सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल, केयंस सेमीकॉन, डिक्सन टेक्नोलाजीस (इंडिया) लिमिटेड, एसपीईएल सेमीकंडक्टर लिमिटेड, एएसएम टेक्नोलॉजीस लिमिटेड, मोस्चिप टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और रतनशा इंटरनेशनल रेक्टिफायर लिमिटेड आदि कंपनी चिप उद्योग से जुड़ी हैं।
देश में चिप उत्पादन के लिए पांच यूनिट स्थापित की जा रही हैं। इनमें से दो टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, एक माइक्रोन टेक्नोलॉजी व एक सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल व एक केयंस की शामिल हैं। चारों कंपनियां करीब 150 लाख करोड़ का निवेश करेंगी।
इनमें सालाना सात करोड़ चिप निर्माण का लक्ष्य है। नए घोषित केयंस सेमीकॉन के प्लांट जो कि गुजरात के साणंद में बनेगा, उसमें सालाना 63 लाख चिप बनेंगी। चिप इंडस्ट्री के लिए भारत में अभी कई चुनौतियां हैं।
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