2022 विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे अखिलेश यादव को झटका, अनिल यादव का इस्तीफा; पत्नी पर नेताओं ने की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
UP Assembly Election 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में साइकिल दौड़ाने में जुटी समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार अनिल यादव लगातार पार्टी का पक्ष मुखर होकर मीडिया समेत सभी प्लेटफॉर्म पर रखने आ रहे थे।
By JP YadavEdited By: Updated: Sun, 28 Feb 2021 07:15 AM (IST)
नोएडा [लोकेश चौहान]। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी में जुटे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को गौतमबुद्धनगर में बड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल यादव ने पार्टी के सभी पदों के साथ-साथ प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। कभी सपा चीफ अखिलेश यादव के करीबी नेताओं में शुमार अनिल यादव ने अपने इस्तीफे में लिखा है- 'यह वह समाजवादी पार्टी नहीं है, जिसका मैं सच्चा सिपाही हूं।' राजनीतिक के जानकारों का दावा है कि वह कांग्रेस पार्टी में भी शामिल हो सकते हैं, क्योंकि उनकी पत्नी पंखुड़ी पाठक भी कांग्रेस पार्टी में हैं और सक्रिय तौर पर काम कर रही हैं। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी में भी शामिल होने का विकल्प उनके पास है, लेकिन इनकी संभावना कम है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजे अपने इस्तीफे में अनिल यादव ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी और कांग्रेस की सोशल मीडिया इंचार्ज पंखुड़ी पाठक के खिलाफ समाजवादी के कुछ नेताओं ने अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं, इससे वह आहत हैं। उनका यहां तक कहना है कि उनके आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया गया।
इतना ही नहीं, इस मुद्दे पर अनिल यादव पर ही चुप रहने के लिए दबाव बनाया गया। बताया जा रहा है कि इससे आहत होकर ही अनिल यादव ने यह कदम उठाया है। इस बाबत उन्होंने ट्वीट पर एक वीडियो भी अपलोड किया है। इसमें उन्होंने खुलकर अपनी बात कही है।
जानिये- कौन हैं कांग्रेस नेता पंखुड़ी पाठक, पहले खुद और अब उनके पति ने भी SP से तोड़ा नाता
मेरे इस्तीफ़े के संदर्भ में
उम्मीद करता हूँ जो साथी इस सफ़र में मुझसे जुड़े वो बात को समझेंगे। 🙏 pic.twitter.com/QhSuHwkifO
— Anil Yadav (@anil100y) February 27, 2021
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में साइकिल दौड़ाने में जुटी समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार अनिल यादव लगातार पार्टी का पक्ष मुखर होकर मीडिया समेत सभी प्लेटफॉर्म पर रखने आ रहे थे।
अपने ट्विटर हैंडल पर अनिल यादव ने लिखा- 'कल एक तस्वीर वायरल हुई। जिसमें अखिलेश जी पर आमजन को टीका टिप्पणी करने का मौका मिला। कांग्रेस ने भी उस तस्वीर को प्रियंका जी की तस्वीर के साथ लगाकर कटाक्ष किया और मेरी पत्नी पंखुड़ी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ता की पोस्ट को शेयर किया। जिसके बाद बहुत सारे सपा के लोगों ने पंखुड़ी को अभद्र व अशोभनीय बातें लिखनी शुरू कर दीं। हालांकि, मैं सोशल मीडिया पर लिखी किसी चीज को महत्व नहीं देता, लेकिन कुछ तो इतनी घटिया थीं कि कोई आम आदमी अपने घर की महिला के बारे में ऐसा देखे तो सह ना सके। उन्होंने आगे लिखा, "पंखुड़ी ने पुलिस कंप्लेंट कर दी। जिस पर विधिवत कार्यवाही जारी है, लेकिन पार्टी की तरफ से उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उल्टा मुझे लोगों ने पंखुड़ी को समझाने की नसीहत देनी शुरू कर दी। सुबह जब में उठा तो मैंने देखा कि मुझे सपा के सभी अधिकारी व्हाट्सएप ग्रुप से निकाल दिया गया है। जिसका सीधा संदेश मुझे समझ आ गया है। इसलिए मैं सपा की प्राथमिक और आजीवन सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।'यह भी पढ़िये- 'लगभग 10 साल का साथ यहीं समाप्त हुआ। सपा में मुझे बेहिसाब सम्मान और प्यार मिला। जिसका मैं आभारी हूं, लेकिन यकीन मानिए अपमान में भी कोई कसर नहीं छोड़ी।जिस पार्टी से अब हम अपने घर की महिलाओं के सम्मान की अपेक्षा नहीं कर सकते, उससे सर्व समाज के सम्मान और उत्थान की क्या उम्मीद रखें?" अनिल यादव ने आगे लिखा है, "यह सब भारी मन से लिख रहा हूं। क्योंकि कभी सोचा नहीं था कि मैं सपा छोड़ पाऊंगा, लेकिन अंत में यही कहूंगा कि क्या सपा इतनी कमजोर है कि एक फोटो से अस्तित्व खतरे में आ जाता है और किसी महिला को इस तरह गालियां दी जाती हैं। जो साथी मुझसे सफर में जुड़े, उनसे मेरे रिश्ते व्यक्तिगत थे और रहेंगे और मैं एक भाई की तरह आपके लिए हमेशा खड़ा रहूंगा। मेरी शुभकामनाएं समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव जी को।'
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