ग्रेटर नोएडा : सपा नेता चमन भाटी की हत्या मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, चार अपराधियों को आजीवन कारावास
जिला न्यायालय ने सपा नेता चमन भाटी की हत्या के मामले में कुख्यात रणदीप भाटी कुलवीर योगेश डाबरा व उमेश पंडित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पुलिस की मजबूत पैरवी के चलते ही बदमाशों को सजा हो सकी है। जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता क्राइम शिल्पी भदौरिया ने बताया कि 2013 को डाबरा में चमन भाटी की उसके ही घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
By Praveen SinghEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 30 Oct 2023 02:55 PM (IST)
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। जिला न्यायालय ने सपा नेता चमन भाटी की हत्या के मामले में कुख्यात रणदीप भाटी, कुलवीर, योगेश डाबरा व उमेश पंडित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
करीब दो सौ पेज के आदेश में दोषियों पर 85 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड नहीं देने पर दोषियों को अतिरिक्त कारावास काटना होगा। 80 फीसद अर्थदंड पीड़ित पक्ष को मिलेगा।कमिश्नरेट पुलिस की मजबूत पैरवी के चलते ही बदमाशों को सजा हो सकी है। जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता क्राइम शिल्पी भदौरिया ने बताया कि 25 अप्रैल 2013 को डाबरा गांव में चमन भाटी की उसके ही घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
कमल भाटी समेत कुल पांच कोर्ट में हुए पेश
दादरी कोतवाली में मामले की रिपोर्ट दर्ज हुई। मामले में कुख्यात रणदीप भाटी, उसके सगे भाई कुलवीर, योगेश डाबरा, उमेश पंडित, जुगेंद्र उर्फ जुगला, हरेंद्र, यतेंद्र उर्फ लाला, अमित व मनोज के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। 10 साल तक केस की सुनवाई कोर्ट में चली। चमन के रिश्तेदार कमल केस में मुख्य गवाह रहे। कमल भाटी समेत कुल पांच कोर्ट में पेश हुए।
गवाह एवं साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने रणदीप, कुलवीर, योगेश डाबरा व उमेश पंडित को हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हालांकि सजा सुनने के बाद भी बदमाशों के चेहरे पर कोई तनाव नहीं दिखा। कड़ी सुरक्षा के बीच वह कोर्ट में पेश हुए और फिर सजा होने के बाद वापस चले गए। सोमवार को हुए फैसले के दौरान करीब 200 सुरक्षाकर्मी कोर्ट में मौजूद रहे।
रणदीप का है क्षेत्र में खौंफ, 30 मामले हैं दर्ज
कुख्यात रणदीप भाटी का गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर व गाजियाबाद समेत एनसीआर में खौंफ है। उसका पूरा गिरोह है। गिरोह के सदस्य जमीनों पर अवैध कब्जे, रंगदारी, फैक्ट्रियों में स्क्रैप के ठेके, सरिया चोरी आदि में लिप्त हैं।
इस समय दिल्ली के मंडावली जेल में बंद हैं। रणदीप पर 30 मामले दर्ज हैं। इनमें आठ मामलों में उस पर हत्याओं का आरोप है। रणदीप का बड़ा भाई नरेश भाटी गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत का चेयरमैन रह चुका है।उस पर भी हत्याओं का आरोप था। नरेश की सुंदर भाटी गिरोह ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। नरेश की जगह उसके छोटे भाई रणपाल ने गिरोह की कमान संभाल ली थी।रणपाल पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। उसके बाद नरेश के तीसरे नंबर के भाई रणदीप व भांजा अमित कसाना गिरोह को संचालित कर रहे थे। हत्या की वजह योगेश का भाई वर्ष 2010 में प्रधानी का चुनाव लड़ा। रणदीप ने चमन को फोन कर रहा था कि योगेश के भाई को निर्विरोध प्रधान बनाओ। चमन ने विरोध किया। यहां से रंजिश शुरू हुई।
इसी रंजिश में वर्ष 2012 में चमन भाटी के साले की हत्या कर दी गई। उस केस में बदमाशों के खिलाफ चमन गवाह था। गवाह को रास्ते से हटाने के मकसद से चमन की भी हत्या कर दी गई।
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- 147 (बलवा करना) : एक साल
- 148 (घातक हथियार का इस्तेमाल) : दो वर्ष
- 452 (घर में घुसकर हमला) : पांच वर्ष
- 302 (हत्या) : आजीवन कारावास
- धारा सात (अपराध के लिए उकसाना) : छह महीने