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100 करोड़ का साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, चीन से जुड़ा कनेक्शन; नोएडा से तीन शातिर गिरफ्तार

आरोपित पिछले एक साल में 100 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके है। पुलिस का दावा है कि तीनों आरोपितों को तीन दिन की रिमांड पर लेकर गहरे राज उगलवाए जाएंगे। कंबोडिया में बैठे आरोपितों के साथी भारतीय लोगों को फोन कर उनके साथ साइबर फ्रॉड करते थे। साइबर फ्रॉड करने के लिए भारत से ही युवाओं को भेजा जाता था।

By Praveen Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 04 Mar 2024 07:17 PM (IST)
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पकड़े गए तीन आरोपितों में चीन का नागरिक भी शामिल

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। बिसरख कोतवाली पुलिस ने ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो कि भारतीय सिम का प्रयोग कर विदेश में बैठकर भारतीय लोगों से साइबर फ्रॉड करता है। गिरोह में 20 से अधिक भारतीय लोग शामिल है।

तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें चीन व नेपाल के नागरिक शामिल है। आरोपित पिछले एक साल में 100 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके है। पुलिस का दावा है कि तीनों आरोपितों को तीन दिन की रिमांड पर लेकर गहरे राज उगलवाए जाएंगे।

नेपाल के रास्ते भारत आया था चीनी नागरिक

डीसीपी सेंट्रल नोएडा सुनीति ने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित गौर सिटी मॉल के समीप से चीन के रहने वाले शू यूमिंग, नेपाल के रहने वाले अनिल थापा व ग्रेटर नोएडा के दादरी के रहने वाले विनोद उर्फ अगस्त्या भाटी को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के दौरान पता चला है कि चीन का रहने वाला आरोपित शू यूमिंग अवैध तरीके से नेपाल के रास्ते भारत आया था।

अनिल थापा उसको लेकर भारत आया था। यहां उन लोगों ने एक गिरोह बनाया जिसमें स्थानीय विनोद भाटी को शामिल किया। उसकी मदद से आरोपित फर्जी आइडी पर सिम कार्ड खरीद कर उसको कुरियर के माध्यम से विदेश भेजते थे।

कंबोडिया में बैठे आरोपितों के साथी भारतीय लोगों को फोन कर उनके साथ साइबर फ्रॉड करते थे। साइबर फ्रॉड करने के लिए भारत से ही युवाओं को भेजा जाता था। उनको यह कहकर विदेश में नौकरी पर भेजा जाता था कि उनकी विदेश में मोटे पैकेज पर नौकरी लगेगी। वहां जाने के बाद वह ठगी करने में शामिल हो जाते थे।

नोएडा में खोला था ऑफिस, ग्रेनो में थी तैयारी

आरोपितों ने नोएडा के सेक्टर 18 में कंसलटेंसी के नाम पर ऑफिस खोला था। यही बैठकर आरोपित ठगी की पूरी योजना तैयार करते थे। फर्जी आइडी पर खरीदे जाने वाले सिम को इसी ऑफिस में एकत्र किया जाता था, उसके बाद कुरियर के माध्यम से विदेश भेजा जाता था। आरोपित ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भी ऑफिस खोलने की तैयारी कर रहे थे।

इनकी भूमिका की जांच जारी

आरोपितों के सहयोगी घनश्याम, गणेश, विष्णु, उमेश आचार्य की भूमिका की जांच पुलिस कर रही है। सभी नेपाल के रहने वाले है। इसके अलावा इमरान के भूमिका की जांच भी पुलिस कर रही है। यह सभी वो लोग है जो कि आरोपितों के संपर्क में थे।

नामी कंपनियों का पर्सनल डाटा खरीदते थे आरोपित

नामी कंपनियों का पर्सनल डाटा उनके कर्मचारियों की मदद से चोरी करते थे। जिन कंपनियो का डाटा वह नहीं चुरा पाते थे उनकी वेबसाइट हैक कर आरोपित डाटा हैक कर लेते थे।

ऐसे करते थे ठगी

भारतीय सिम को कुरियर के माध्यम से कंबोडिया भेजा जाता था। मेल के माध्यम से ग्राहकों का डाटा भी भेजा जाता था। मोटे पैकेज पर भारतीय युवकों को इंजीनियर, प्रबंधक की नौकरी देने के नाम पर कंबोडिया भेजा जाता था। वही युवक साइबर फ्रॉड में शामिल हो जाते है।

भारतीय सिम का प्रयोग कर लोगों को फोन किया जाता था। पीड़ितों से कहा जाता है कि शेयर मार्केट में निवेश व गेमिंग ऐप के जरिये से वह करोड़ों रुपये कमा सकते है। यह कहकर आरोपित पीड़ित को अपने झांसे में लेते है। उनके मोबाइल पर लिंक भेजते है, जैसे ही पीड़ित लिंक पर क्लिक करता है उनके मोबाइल का एक्सेस आरोपितों के पास चला जाता है। फिर आरोपित मोबाइल पर आने वाले ओटीपी का प्रयोग कर साइबर फ्रॉड कर लेते है।

यहां के युवाओं को भेजा गया कंबोडिया

गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब।

चीन के नागरिक ने होटल में बनाया था ठिकाना

चीन के नागरिक ने दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग होटल में ठिकाना बनाया हुआ था। वह कभी नोएडा तो कभी ग्रेटर नोएडा के होटल में ठहरता था। वह दिल्ली में भी कुछ दिन ठहरा था। अवैध रूप से आरोपित नेपाल के रास्ते भारत आया था। उसके पास भारत का वीजा नहीं है।

यह हुआ बरामद

चार पासपोर्ट, फर्जी आईडी पर लिए गए 531 सिम कार्ड, दो ड्राइविंग लाइसेंस, नौ मोबाइल, 11435 नेपाली करेंसी, दो डालर, पांच दिराम, 150 थाईलैंड करेंसी, पांच युआन करेंसी चाइना, 2100 कंबोडिया करंसी व 94 हजार रुपये भारतीय रुपये के अलावा तीन चेक बुक, एक डायरी, एक नेपाली नागरिका पत्र, एक एयर इंडिया का टिकट, एक शंघाई होंगेकिआओ का बोर्डिंग पास, एक स्टांप मुहर, दस क्रेडिट कार्ड।

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