कभी साथ चलते थे सरकारी गनर, एक गलती... और सबकुछ बर्बाद; पुलिस की चार टीमें कर रहीं तलाश, संपत्ति भी जब्त
सामूहिक दुष्कर्म व गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज होने के बाद से गैंग का सरगना रवि काना व अन्य लोग फरार हैं। खास बात है कि उसको सरकारी गनर मिले हुए थे। स्क्रैप के ठेके को हथियाने के लिए पुलिस सुरक्षा लेकर फैक्ट्री में जाता था और दबाव बनाकर स्क्रैप का ठेका लेता है। गिरफ्तारी के लिए पुलिस के द्वारा चार टीम का गठन किया गया है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। गैंगस्टर व स्क्रैप माफिया रवि नागर उर्फ रवि काना गिरोह की दिल्ली के न्यू फ्रैंड्स कालोनी में स्थित एक बंगले को पुलिस ने सील कर दिया है। जिसकी कीमत लगभग अस्सी करोड़ रुपये बताई जा रही है। गैंग के फरार सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस चार टीम दिल्ली-एनसीआर में लगातार दबिश दे रही है। बुधवार तक पुलिस ने गैंग की सौ करोड़ रुपये की संपत्ति सील की थी।
रवि काना के तलाश में टीम गठित
सामूहिक दुष्कर्म व गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज होने के बाद से गैंग का सरगना रवि काना व अन्य लोग फरार हैं। खास बात है कि उसको सरकारी गनर मिले हुए थे। स्क्रैप के ठेके को हथियाने के लिए पुलिस सुरक्षा लेकर फैक्ट्री में जाता था और दबाव बनाकर स्क्रैप का ठेका लेता है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के द्वारा चार टीम का गठन किया गया है। टीम के सदस्य आरोपितों की तलाश में लगातार दबिश दे रहे हैं। टीम के द्वारा उनकी संपत्तियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में रवि की संपत्ति
अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान पता चला था कि रवि के गैंग की एक संपत्ति दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में भी है। बृहस्पतिवार को बीटा दो व ईकोटेक एक कोतवाली पुलिस न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी में पहुंची। वहां पर लगभग दो घंटे तक जांच की। मौके से कुछ कागजों को पुलिस ने जब्त किया है। अन्य संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।यह भी पढ़ें- Noida News: स्क्रैप माफिया रवि काना के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, लगभग 100 करोड़ की संपत्ति सील
अधिकारियों का दावा है कि गौतमबुद्ध नगर के साथ ही दिल्ली-एसीआर में कई अन्य संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली है। जल्द ही उन संपत्तियों को भी सील किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह संपत्ति रवि गैंग की सदस्य काजल के नाम पर है। पुलिस अन्य चीजों की जांच कर रही है। मामले में बयान के लिए डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खान से कई बार फोन पर संपर्क किया गया, लेकिन उनका फोन नहीं उठा।
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