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Lok Sabha Election 2024: यूपी की इस सीट पर बेहद दिलचस्प हुआ चुनाव, सपा-बसपा और भाजपा ने ऐसे साधा जातीय समीकरण

लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। उत्तर प्रदेश में सभी दलों ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। भाजपा और सपा के बाद अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गौतमबुद्ध नगर सीट पर प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। सभी दलों ने अपने-अपने हिसाब से जातीय समीकरण बैठाया है। ऐसे में अब इस सीट पर चुनाव दिलचस्प हो गया है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 25 Mar 2024 03:09 PM (IST)
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लोकसभा चुनाव 2024: गौतमबुद्ध नगर सीट पर चुनाव हुआ दिलचस्प।

अरविंद मिश्रा, ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश की गौतमबुद्ध नगर सीट पर चुनाव दिलचस्प हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आईएनडीआईए गठबंधन के बाद बहुजन समाज पार्टी ने भी गौतमबुद्ध नगर सीट पर अपने पत्ते खोल दिए हैं।

बसपा ने खुर्जा क्षेत्र के गांव नरुकी भगवानपुर के रहने वाले राजेंद्र सिंह सोलंकी पर लोकसभा चुनाव में दांव लगाया है। सोलंकी के चुनाव मैदान में आने से गौतमबुद्ध नगर सीट पर चुनावी समीकरण दिलचस्प हो गया है। भाजपा से ब्राह्मण, बसपा से ठाकुर और गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर सपा से ओबीसी मैदान में हैं।

संजय गांधी के करीबी रहे सोलंकी

जहां तक राजेंद्र सिंह सोलंकी की बात है तो उन्होंने कांग्रेस में लंबी राजनीतिक पारी खेली है। खुर्जा से अपनी शिक्षा दीक्षा पूरी कर वहीं से छात्र राजनीति का ककहरा सीखा। धीरे-धीरे कांग्रेस में अपनी पकड़ मजबूत की। संजय गांधी के बेहद करीबी रहे राजेंद्र सिंह सोलंकी 1975 में यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव, बुलंदशहर के कांग्रेस जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं।

सोलंकी इन सीटों से लड़ चुके विधानसभा चुनाव

1977 में कांग्रेस के टिकट से सिकंद्राबाद विधानसभा से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन विधानसभा की चौखट तक पहुंचने में सफलता नहीं मिली। 1985 में कांग्रेस के टिकट पर ही सिकंद्राबाद से विधायक बनने का मौका मिला। खुर्जा से भी विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाया, हार का सामना करना पड़ा। कल्याण सिंह के समय में भाजपा का दामन भी थाम चुके हैं।

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चुनाव से पहले थामा बसपा का दामन

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बसपा में शामिल होकर उसके टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं। कांग्रेस इस लोकसभा चुनाव में गठबंधन में है। गठबंधन की ओर से सपा ने राहुल अवाना को मैदान में उतारा है। बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर राजेंद्र सिंह सोलंकी को कांग्रेस में अपने पुराने संबंधों का कितना फायदा मिलेगा, यह तो चुनाव परिणाम बताएगा।

जातीय समीकरण से दिलचस्प हुआ चुनाव

ब्राह्मण, ठाकुर और पिछड़ा वर्ग के समीकरण ने गौतमबुद्ध नगर सीट के चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। भाजपा तीसरी बार अपनी जीत को दोहराने की फिराक में है तो सपा, गठबंधन में गौतमबुद्ध नगर सीट को जीत कर नया अध्याय लिखना चाहती है। बसपा को अपनी सुप्रीमो के गृह जनपद वाली सीट पर जीत का भरोसा है। मतदाता पार्टी, बिरादरी का साथ देंगे या मुद्दों को तरजीह देंगे। चुनाव में यह सवाल सामने है।

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