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गौतमबुद्ध नगर सीट पर दिलचस्प बन रहा मुकाबला, सपा-बसपा और भाजपा प्रत्याशी वोटरों को इस तरह रिझा रहे

गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर मुस्लिम और वंचित मतदाताओं के गुणा-भाग ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व में उतरे प्रत्याशियों के लिए यह मतदाता महत्वपूर्ण हो गए हैं। उनका पूरा जोर इन्हीं के वोट प्राप्त करने के गुणा-भाग पर लग गया है। सपा भाजपा और बसपा प्रत्याशी सभी वर्गों को साधने में जुटे हैं।

By Dharmendra Kumar Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 09 Apr 2024 12:37 AM (IST)
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गौतमबुद्ध नगर सीट पर दिलचस्प बन रहा मुकाबला, सपा-बसपा और भाजपा प्रत्याशी वोटरों को इस तरह रिझा रहे

धर्मेंद्र चंदेल, नोएडा। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर मुस्लिम और वंचित मतदाताओं के गुणा-भाग ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व में उतरे प्रत्याशियों के लिए यह मतदाता महत्वपूर्ण हो गए हैं। उनका पूरा जोर इन्हीं के वोट प्राप्त करने के गुणा-भाग पर लग गया है।

भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर महेश शर्मा तीन तलाक कानून से मुस्लिम महिलाओं को मिले फायदे और केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ को गिनाकर दोनों बिरादरियों को साधने में जुटें हैं। भाजपा के रणनीतिकारों का इन्हीं दो बिरादरियों में सैंध लगाने पर फोकस है। इसके लिए गोपनीय तरीके से जमीनी स्तर पर काम किया जा रहा है।

सपा उम्मीदवार क्या कर रहे

वहीं, सपा के डॉक्टर महेंद्र नागर मुस्लिम मतों को आई. एन. डी. आई. ए. का परंपरागत वोट बैंक मान वंचित वर्गों को रिझाने के प्रयास में हैं। वह आश्वस्त है कि मुस्लिम मत उनकी झोली में आएंगे।

बसपा प्रत्याशी राजेंद्र सोलंकी वंचित मतदाताओं में अपनी मजबूत पैठ मान मुस्लिम मतों की तरफ अधिक फोकस कर रहें हैं। वह मायावती शासन में हुए विकास कार्यों को भी गिनाकर मतदाताओं को रिझाने में लगें हैं। दूसरी तरफ मुस्लिम मतों को बसपा की तरफ जाने से रोकने के लिए सपा और कांग्रेस के रणनीतिकार यह कहने से भी नहीं चूक रहें कि बसपा सुप्रीमो मायावती चुनाव के बाद भाजपा के साथ गठजोड़ करेगी।

बुलंदशहर की दो विधानसभा सीट भी गौतमबुद्ध नगर में

गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट के अंतर्गत नोएडा, दादरी व जेवर विधान सभा के अलावा बुलंदशहर की खुर्जा और सिकंद्राबाद विधान सभा सीट भी आती है। दोनों जिलों के 26 लाख 75 हजार 148 मतदाता हैं।

गौतमबुद्ध नगर लोकसभा ऐसी सीट है, जिस पर शहरी और ग्रामीण मतदाताओं के समावेश के साथ कई जातियों के बड़ी संख्या में वोट हैं। किस जाति के कितने मतदाता है, इसका कोई सरकारी डाटा नहीं है। सिर्फ लोगों से ली गई जानकारी के आधार पर आकलन कर मतों की संख्या का अनुमान लगाया गया है।

इस सीट पर गुर्जर, ठाकुर और ब्राह्मण मतदाता सर्वाधिक है। तीनों के मतों में थोड़े बहुत का अंतर है। लोकसभा सीट के आधे मतदाता इन्हीं तीन जातियों से है। इसके बाद वंचित और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या है।

भाजपा ने ब्राह्मण जाति से ताल्लुक रखने वाले डॉक्टर महेश शर्मा, सपा-कांग्रेस गठबंधन ने गुर्जर जाति के डॉक्टर महेंद्र नागर व बसपा ने ठाकुर बिरादरी के राजेंद्र सोलंकी को मैदान में उतारा है।

तीन प्रमुख दलों के प्रत्याशी अपनी-अपनी जाति के ज्यादातर मतदाताओं को अपने पक्ष में मानकर चल रहें हैं। हालांकि, विकास के मुद्दे पर मतों का विभाजन तय है, लेकिन जातीय समीकरण भी हावी है। गुर्जर और ठाकुर बिरादरी के ज्यादातर नेता भाजपा से जुड़े हैं। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी डाक्टर महेश शर्मा मानकर चल रहें हैं कि इन दोनों जातियों से उन्हें बड़ी संख्या में वोट मिलेंगे। सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी डाक्टर महेंद्र नागर व बसपा प्रत्याशी राजेंद्र सोलंकी के लिए यह चुनौती होगी।

2019 लोकसभा चुनाव के मतों का भी हो रहा है गुणा भाग

गत लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा और रालोद ने मिलकर चुनाव लड़ा था। तब करीब 22 लाख वोटों में से 1393141 मत पड़े थे। बसपा-सपा और रालोद के संयुक्त प्रत्याशी सतवीर नागर ने 493890 मत हासिल किए थे। जबकि, भाजपा के डॉक्टर महेश शर्मा ने 830812 वोट प्राप्त कर तीन लाख के अधिक अंतर से जीत हासिल की थी।

भाजपा के रणनीतिकार यह मानकर नई रणनीति पर काम कर रहें कि 2019 के चुनाव में सतवीर नागर को मिले 493890 मत अब महेंद्र नागर और राजेंद्र सोलंकी के बीच दो जगह बंट जाएंगे। रालोद के परंपरागत जाट वोटों को वह अपने खातें में गिन गुणाभाग लगा रहें हैं। वहीं बसपा प्रत्याशी की योजना डाक्टर महेश शर्मा को 2019 में मिले मतों में सैंध लगाने की है। सपा-कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र नागर गुर्जर और मुस्लिम मतों के प्रति आश्वस्त होकर वंचितों में सैंध लगाने के गुणाभाग में लगें हैं।

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