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Noida News: सिलिकान वैली के रूप में मिलेगी गौतमबुद्ध नगर को पहचान, लोगों को मिलेगा रोजगार

अब तक डाटा स्टोर करने के लिए देश की निर्भरता अमेरिका पर थी। वहां सिलाकान वैली नाम की जगह पर अब तक सबसे अधिक डाटा सेंटर बने हुए हैं। इसके लिए डाटा सेंटर्स उद्योग विकसित किए जाने की मंशा से उत्तर प्रदेश सरकार डाटा सेंटर नीति 2021 लाई थी।

By Lokesh ChauhanEdited By: Prateek KumarUpdated: Thu, 27 Oct 2022 07:58 PM (IST)
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31 अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा में पहले डाटा सेंटर का उद्घाटन कर सकते हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
नोएडा, जागरण संवाददाता। गौतमबुद्ध नगर जिले को आने वाले दिनों में सिलिकान वैली के रूप में पहचान मिलेगी। यह देश का पहला ऐसा हिस्सा होगा, जहां सबसे अधिक डाटा सेंटर बनेंगे। अब तक डाटा स्टोर करने के लिए देश की निर्भरता अमेरिका पर थी। वहां सिलाकान वैली नाम की जगह पर अब तक सबसे अधिक डाटा सेंटर बने हुए हैं। इसके लिए डाटा सेंटर्स उद्योग विकसित किए जाने की मंशा से उत्तर प्रदेश सरकार डाटा सेंटर नीति 2021 लाई थी। इसके जरिये प्रदेश में करीब 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश और बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलेगा। 31 अक्टूबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्रेटर नोएडा आएंगे। संभावना जताई जा रही है कि उस दौरान मुख्यमंत्री ग्रेटर नोएडा में हीरानंदानी ग्रुप के डाटा सेंटर का शुभारंभ करेंगे। इस परियोजना के तहत एक टावर का निर्माण पूरा हो चुका है। पहले टावर की क्षमता 30 मेगावाट डाटा स्टोर करने की है। देश में डाटा सेंटरों की वर्तमान में कुल मांग 400 मेगावाट है। जिसमें से 250 मेगावाट की जरूरत इसी योटा डाटा सेंटर पार्क से पूरी हो जाएगी।

जिले में बनने वाले डाटा सेंटर

समूह - निवेश - क्षेत्र - स्थान

  • हीरानंदानी - 7000 करोड़ -तीन लाख वर्ग फीट -ग्रेटर नोएडा
  • माइक्रोसाफ्ट -1800 करोड़ - 60 हजार वर्गमीटर - नोएडा
  • अडानी -2500 करोड़ -20 हजार वर्ग मीटर -सेक्टर-62 और 80
  • एमएक्यू इंडिया प्राइवेट लिमिटेड - 250 करोड़ - 16,350 वर्ग मीटर -नोएडा

हीरानंदानी ग्रुप के और भी हैं डाटा सेंटर

ग्रुप की नवी मुंबई और चेन्नई के बाद यह तीसरी परियोजना है। इससे पहले जुलाई 2020 में योटा ने नवी मुंबई डाटा सेंटर पार्क योटा एनएम-1 को लांच किया था। जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टीयर-फोर डेटा सेंटर है। कंपनी ने चेन्नई में भी डेटा पार्क स्थापित करने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ समझौता किया है। इसके लिए चार हजार करोड़ रुपये निवेश की योजना है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा कंपनी को नालेज पार्क-फाइव में 15 अक्टूबर 2020 को जमीन आवंटित की थी। इस डाटा सेंटर में अगले पांच वर्षों में कुल छह टावरों का निर्माण होना है। इससे एक हजार युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

इनको मिलेगा फायदा

प्रदेश में इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब आदि) के करोड़ों उपभोक्ता हैं। उनका डाटा सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा बैंकिंग, व्यापार, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा, पर्यटन व आधार आदि का डाटा भी इस डाटा सेंटर में सुरक्षित रहेगा। अभी पर्याप्त डेटा सेंटर न होने के कारण उत्तर प्रदेश समेत देश के तमाम हिस्‍सों से डेटा विदेशों में रखे जाते हैं। डेटा सेंटर पार्क बनने के बाद कंपनियां और सरकार देश में ही अपने डेटा सुरक्षित रख सकेंगे। डेटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है। इसके जरिये बड़ी मात्रा में डेटा स्टोरेज, प्रोसेसिंग व डिस्ट्रीब्यूशन के लिए कंपनियों द्वारा उपयोग किया जाता है।

क्या है सिलिकान वैली

अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को बे-एरिया का एक ऐसा हिस्सा है, जहां दुनिया की प्रमुख आइटी कंपनियां हैं। एपल, गूगल, फेसबुक, इंटेल, ओरेकल आदि दुनिया की तकरीबन सभी बड़ी कंपनियों का आफिस यहीं पर हैं। इसे स्टार्टअप्स के लिए स्वर्ग माना जाता है। अब तक भारत में बेंगलुरु को सिलिकान वैली के रूप में जाना जाता है। बेंगलुरु को भारत की आइटी राजधानी के रूप में पहचान मिली है।

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