ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की बड़ी कार्रवाई, 28 और बिल्डरों को भेजा नोटिस; एसटीपी नहीं तो लगेगा जुर्माना
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण व संचालन न करने वाले 28 और बिल्डर सोसाइटियों को नोटिस जारी किया है। साथ ही एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर लीज डीड की शर्तों के अनुरूप कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। एनजीटी की तरफ से भी इस बाबत सख्त आदेश दिए गए हैं।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। सोसाइटी के सीवर को शोधित करने के लिए मानकों के अनुरूप एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण व संचालन न करने वाले 28 और बिल्डर सोसाइटियों को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नोटिस जारी किया है। प्राधिकरण ने एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है।
संतोषजनक जवाब न मिलने पर लीज डीड की शर्तों के अनुरूप कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। इससे पहले प्राधिकरण ने 37 बिल्डर सोसाइटियों के लिए नोटिस जारी किए थे। ग्रेटर नोएडा की अलग-अलग सोसाइटी के निवासियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार से शिकायतों की थी कि एसटीपी से शोधित किए बिना ही सीवरेज को नाले में बहाया जा रहा है।
मानकों के अनुरूप नहीं मिले एसटीपी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सर्वे में भी कई सोसाइटियों में बने एसटीपी मानकों के अनुरूप नहीं मिले। इनमें से कुछ एसटीपी मानकों के अनुरूप के अनुरूप बने नहीं हैं और कुछ का संचालन ठीक से नहीं हो रहा, जिसके चलते ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी के निर्देश पर सीवर विभाग की तरफ से पूर्व में 37 बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया था।अब 28 और बिल्डर सोसाइटियों के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस में प्राधिकरण ने एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर लीज डीड की शर्तों के अनुरूप कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि जिन बिल्डरों ने अपने रिहायशी प्रोजेक्ट में एसटीपी नहीं बनाए हैं, वे एसटीपी बनाकर शीघ्र चालू करें, जिन सोसाइटियों में बने हैं वे उनको नियमित रूप से संचालित करें।
आदेश न पालन करने पर होगी कार्रवाई
सीवर को शोधित करना अनिवार्य है। शोधित पानी को उद्यानीकरण में उपयोग करें, एनजीटी की तरफ से भी इस बाबत सख्त आदेश दिए गए हैं। ऐसा न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन सोसाइटियों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बावजूद सुधार न हुआ तो एनजीटी के आदेशों के मद्देनजर विधिक कार्रवाई की जाएगी।बता दें कि ग्रेटर नोएडा में 20 हजार वर्ग मीटर या उससे अधिक एरिया पर बनने वाले सभी प्रोजेक्टों को अपना एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाना और उसे फंक्शनल रखना अनिवार्य है, लेकिन कई सोसाइटियों के निवासी प्राधिकरण से लगातार शिकायत कर रहे थे कि उनके यहां एसटीपी नहीं बने हैं। कुछ सोसाइटियों में एसटीपी बने हैं तो वह फंक्शनल नहीं हैं। अब प्राधिकरण ऐसे बिल्डरों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
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