Noida Film City Project: CM की महत्वाकांक्षी परियोजना को लग रहे पंख, पहले चरण के लिए जल्द निकाला जाएगा टेंडर
फिल्म सिटी परियोजना के पहले चरण की लागत 1570 करोड़ होगी। पहले एक हजार एकड़ में फिल्म सिटी परियोजना को विकसित करने की योजना थी और इसकी लागत दस हजार करोड़ अनुमानित थी। आगामी कैबिनेट बैठक में फिल्म सिटी परियोजना को स्वीकृति मिलने के बाद वैश्विक निविदा (टेंडर) जारी कर दी जाएगी। इससे पूर्व 25 अगस्त को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक कर प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Wed, 23 Aug 2023 07:59 PM (IST)
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। फिल्म सिटी परियोजना (Film City Project) के पहले चरण की लागत 1570 करोड़ होगी। पहले एक हजार एकड़ में फिल्म सिटी परियोजना को विकसित करने की योजना थी और इसकी लागत दस हजार करोड़ अनुमानित थी। आगामी कैबिनेट बैठक में फिल्म सिटी परियोजना को स्वीकृति मिलने के बाद वैश्विक निविदा (टेंडर) जारी कर दी जाएगी।
इससे पूर्व 25 अगस्त को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक कर प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि एक हजार एकड़ के शेष 750 एकड़ में होने वाले विकास के लिए विजन डाक्युमेंट तैयार किए जाएंगे।
CM योगी की महत्वाकांक्षी परियोजना
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-21 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजना फिल्म सिटी को धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। तीसरी बार निकाली जा रही निविदा को सफल बनाने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। यह बदलाव फिल्म निर्माण क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों से मिले सुझाव के आधार पर तय किए गए हैं।230 एकड़ का होगा पहला चरण
इसके तहत एक हजार एकड़ में बनने वाली फिल्म सिटी को चरणबद्ध बनाने की योजना तैयार की गई है। पहला चरण 230 एकड़ में होगा। विकासकर्ता को 90 साल का लाइसेंस मिलेगा। निर्माण कार्य के लिए तीन साल और ऋण स्थगन के लिए पांच साल की अवधि होगी। कुल टर्नओवर के न्यूनतम पांच प्रतिशत से विकासकर्ता चयन के लिए बोली शुरू होगी।
फिल्म सिटी के चरणबद्ध विकास के कारण लागत भी कम हो गई है। पहले दस हजार करोड़ की परियोजना अब 1570 करोड़ हो गई है। विकासकर्ता चयन में परियोजना की बड़ी लागत सबसे बड़ी बाधा थी। विकासकर्ता को दस हजार वर्गमीटर कम की सबलीज की अनुमति नहीं मिलेगी। प्राधिकरण बोर्ड को सबलीज की अनुमति देने का अधिकार होगा।
सालाना 188 करोड़ खर्च करना होगा परियोजना पर
विकासकर्ता को परियोजना पर सालाना 188 करोड़ रुपये खर्च करना होगा। हालांकि राहत देने के लिए शुरुआत के तीन साल में पहले साल 50 करोड़, दूसरे साल में 75 करोड़ व तीसरे साल में सौ करोड़ खर्च करना होगा।
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